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Kanya Pujan Muhurat: आज 2 शुभ मुहूर्त में करें कन्या पूजन, जानें पूजा विधि और महत्व

Ashtami Kanya Pujan Muhurat: वैदिक पंचांग के अनुसार, आज चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि है। आज कन्याओं की पूजा की जाती है और साथ ही भोजन भी कराया जाता है। आज यानी अष्टमी तिथि पर कन्याओं को खिलाने के लिए दो शुभ मुहूर्त है। आइए उन शुभ मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानते हैं।
09:52 AM Apr 16, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
kanya pujan muhurat  आज 2 शुभ मुहूर्त में करें कन्या पूजन  जानें पूजा विधि और महत्व

Ashtami Kanya Pujan Muhurat: आज चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि है और दिन मंगलवार है। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि बहुत ही शुभ मानी जाती है। ज्योतिषियों के अनुसार, अष्टमी तिथि के दिन हवन और कन्या पूजन करने का विधान होता है। जो लोग कन्या पूजन करते हैं उन पर मां दुर्गा प्रसन्न रहती हैं। तो आज इस खबर में जानेंगे कि आज किस शुभ मुहूर्त में कन्या पूजन कर सकते हैं। साथ ही कन्या पूजन की विधि क्या है और महत्व क्या है।

कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आज यानी चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन और भोजन का विधान है।

पहला शुभ मुहूर्त- सुबह के 7 बजकर 5 मिनट से लेकर सुबह के 10 बजकर 41 मिनट तक है।

दूसरा शुभ मुहूर्त- सुबह के 11 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर के 12 बजकर 47 मिनट तक है।

कन्या पूजन की विधि

कन्याओं की पूजन करने से पहले एक दिन पहले उन्हें आमंत्रित करें

उसके बाद कन्याओं को प्रेमपूर्वक घर बुलाएं और उनके पांव को साफ जल, दूध और पुष्प मिश्रित पानी से धोएं।

उसके बाद कन्याओं के पैर छूएं और उनका आशीर्वाद लें।

कन्याओं को आसन पर बैठाकर लाल चंदन या कुमकुम का तिलक करें।

उसके बाद श्रद्धा से कन्याओं को चुनरी ओढ़ाएं।

चुनरी ओढ़ाने के बाद भोजन परोसे।

अंत में यथाशक्ति दक्षिणा दें और पाँव छूकर आशीर्वाद लें। साथ ही माता रानी का ध्यान करें।

कन्या पूजन का महत्व

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कन्या पूजन के बिना नवरात्रि अधूरी मानी जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि के 9 दिनों में किसी भी दिन कन्या की पूजा कर सकते हैं। लेकिन ज्योतिषियों के अनुसार, कन्या पूजन करने के लिए नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि बेहद शुभ मानी जाती है। इसलिए नवरात्रि के अष्टमी और नवमी तिथि पर 10 वर्ष से कम उम्र की कन्याओं को भोजन कराना पुण्य फलदायी होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कन्याओं की पूजन के साथ एक बालक का भी पूजन करें। बालक को भैरों बाबा का स्वरूप माना गया है। इसलिए 9 कन्याओं के साथ एक बालक की पूजा जरूर करें। ऐसा करना अति शुभ होता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

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