Chanakya Niti: डेली रूटीन में शामिल करें ये 4 आदतें, सदा रहेंगे खुश और स्वस्थ!
Chanakya Niti For Happy Life: आज के समय में हमेशा खुश रहना एक बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि ज्यादातर लोग छोटी-छोटी बातों पर चिंता करने लगते हैं। कुछ लोग घर की टेंशन, ऑफिस के काम की चिंता, पैसे कमाने की लालसा या सेहत आदि-आदि को लेकर परेशान रहते हैं। अगर आप भी इन्हीं सभी परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो ऐसे में आपको 'चाणक्य नीति शास्त्र' अवश्य पढ़नी चाहिए। आचार्य चाणक्य ने मानव जीवन के कल्याण के लिए 'चाणक्य नीति शास्त्र' किताब में नौकरी, प्रेम, शादी, करियर, सेहत, आदतें और जीवन से जुड़े लगभग हर एक पहलू के बारे में विस्तार से बताने का प्रयास किया है। आज हम आपको खुश और सेहतमंद रहने के चार ऐसे मूल मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें अगर आप अपनी डेली रूटीन का हिस्सा बनाते हैं, तो आपका जीवन सुखमय रहेगा।
यावत्स्वस्थो झ्वयं देहो यावन्मृत्युश्च दूरतः।
तावदात्महितं कुर्यात् प्राणान्ते किं करिष्यति।।
धार्मिक पुण्य कर्मों का वर्णन करते 'आचार्य चाणक्य' इस श्लोक के माध्यम से समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि अगर व्यक्ति को जीवनभर खुश और सेहतमंद रहना है, तो उसे समय रहते कुछ आदतों को अपना लेना चाहिए। आइए जानते हैं उन्हीं अच्छी आदतों के बारे में।
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धर्म-कर्म
आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को हमेशा धर्म-कर्म में आगे रहना चाहिए। जो व्यक्ति सदा अच्छे कर्म करता है और देवी-देवताओं की आराधना करता है। उसका जीवन सुखमय रहता है। इसके अलावा भगवान के विशेष आशीर्वाद से उसके जीवन में खुशियों का वास होता है और उसकी सेहत भी अच्छी रहती है।
"जब व्यक्ति मित्र और शत्रु में भेद करना भूल जाये तो समझ लो उसने पतन की ओर कदम बढ़ा लिया है।"
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दान-पुण्य
दान करने से व्यक्ति को सदा पुण्य मिलता है। जो व्यक्ति दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा आगे रहता है और निस्वार्थ भाव से दान करता है। उसे जीवन में सभी खुशियां मिलती हैं। इसके अलावा उसका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
सेवा
आचार्य चाणक्य ने अपने 'नीति शास्त्र' में बताया है कि जो लोग माता-पिता, भाई-बहन, बड़े-बुजुर्ग, असहाय, जरूरतमंद और गरीब लोगों की मदद और सेवा करते हैं, उन्हें सदा देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिसके कारण उनका जीवन सुखमय रहता है।
व्रत-सत्संग
चाणक्य का मानना था कि धर्म-कर्म, दान-तीर्थ, पूजा-अर्चना एवं व्रत-सत्संग आदि पुण्य कार्य करने से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ एवं नीरोग रहते हुए, इन सभी कामों को अपनी डेली रूटीन का हिस्सा बनाना चाहिए।
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