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Chanakya Niti: पैसों को इकट्ठा करना भी पड़ सकता है भारी, मां लक्ष्मी हो जाती हैं नाराज!

Chanakya Niti For Money: आचार्य चाणक्य ने धन कमाने और पैसों को खर्च करने से जुड़ी कई जरूरी बातों के बारे में 'नीति शास्त्र' में बताया है। आज हम आपको 'चाणक्य नीति शास्त्र' में लिखित उस एक कारण के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी वजह से धन की देवी माता लक्ष्मी आपसे नाराज हो सकती हैं।
04:22 PM Jun 22, 2024 IST | Nidhi Jain
chanakya niti  पैसों को इकट्ठा करना भी पड़ सकता है भारी  मां लक्ष्मी हो जाती हैं नाराज

Chanakya Niti For Money: जीवन जीने के लिए जिस तरह अच्छी सेहत, कपड़े और परिवार का होना आवश्यक है। ठीक उसी तरह धन का होना भी जरूरी है। बिना धन के जिंदगी जीना मुश्किल हो जाता है। एक तरफ जहां कुछ लोगों के पास अपार धन-दौलत होती है कि उन्हें समझ नहीं आता कि पैसे कहां-कहां खर्च करें। वहीं, दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिनके पास एक दिन जीने के लिए भी पैसे नहीं होते हैं।

कुछ लोगों की आदत होती है कि वह पैसे खर्च करने की जगह भविष्य के लिए उन्हें इकट्ठा करने लगते हैं। हालांकि, 'आचार्य चाणक्य' ने बताया है कि पैसों को कभी भी जरूरत से ज्यादा इकट्ठा नहीं करना चाहिए। इससे आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि आखिर क्यों 'चाणक्य' ने पैसे को इकट्ठा करने के लिए मना किया है।

आपदर्थे धनं रक्षेद्-इमां कुत आपदः।
कदाचिद् चलिता लक्ष्मीः संचितो अपि विनश्यति।।

‘आचार्य चाणक्य’ इस श्लोक के माध्यम से समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को विपत्ति यानी मुश्किल घड़ी के लिए धन बचाना चाहिए। हर एक मनुष्य को पहले ही अपनी कमाई से कुछ पैसे अलग करके इकट्ठा कर लेने चाहिए। अकस्मात आपके ऊपर कोई विपत्ति आती है, तो उस समय लोगों से मदद मांगने की जगह आप स्वयं की मदद कर सके। इसके अलावा कहां भी जाता है कि धन विपत्ति के समय में मनुष्य का सबसे बड़ा हथियार होता है। मुश्किल समय में अगर व्यक्ति के पास जमा हुआ धन है, तो वह आसानी से उस समय को भी पार कर लेता है।

लेकिन कभी भी अत्यधिक धन को जमा नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। मानता है कि अगर व्यक्ति सच्चे दिल से मां लक्ष्मी की आराधना करता है, तो उसे जीवन में कभी भी पैसों की कमी का सामन नहीं करना पड़ता है। हालांकि, माता लक्ष्मी बहुत ज्यादा चंचल हैं। जिस घर में धन का अपमान होता है या पैसों की कद्र नहीं होती है। वहां पर कभी भी धन की देवी का वास नहीं होता है। इसके अलावा जो लोग जरूरत से ज्यादा धन को इकट्ठा करते हैं। उनके घर में भी कभी मां लक्ष्मी का वास नहीं होता है। अगर आपको वाकई अपने धन की रक्षा करनी है, तो इसके लिए ज्यादा से ज्यादा दान करें। उस पैसों से लोगों की मदद करें।

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'चाणक्य शास्त्र' की रचना क्यों की गई थी?

आज के समय में शायद ही कोई व्यक्ति होगा, जिसे कुशल राजनेता आचार्य चाणक्य और उनकी नीतियों के बारे में न पता हो। ज्यादातर लोग अपनी परेशानीयों का समाधान पाने के लिए योग्य कूटनीतिज्ञ 'चाणक्य नीति शास्त्र' को पढ़ते हैं। आज्ञाकारी शिक्षक चाणक्य ने 'चाणक्य नीति शास्त्र' में दोस्ती, रिश्ते, संबंध, नौकरी, करियर, आदत, सेहत और धन आदि-आदि चीजों से जुड़ी परेशानियों के समाधान के बारे में बहुत ही सरल भाषा में समझाने का प्रयास किया है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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