Chandra Darshan 2024: दूज का चांद चमकाएगा किस्मत का सितारा! जानें चंद्र दर्शन का महत्व और पूजा विधि
Chandra Darshan 2024: हिन्दू धर्म में अमावस्या तिथि के बाद अगले दिन या दूसरे दिन यानी प्रतिपदा और द्वितीया तिथि को चन्द्र दर्शन दिवस कहा जाता है। प्रतिपदा यानी प्रथम तिथि को चंद्र दर्शन बहुत मुश्किल से होते है, जबकि द्वितीया तिथि को चंद्रमा थोड़े अधिक स्पष्ट रूप से दिखते हैं। इसलिए द्वितीया तिथि का चंद्र दर्शन यानी दूज के चांद का दर्शन अधिक लोकप्रिय है। हिन्दू धर्म में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के चंद्र दर्शन को बेहद पुण्यकारी और फलदायी माना गया है।
मार्गशीर्ष यानी अगहन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि आज मंगलवार 3 दिसंबर 2024 को है। आइए जानते हैं, यह धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण है और देश के कुछ चुनिंदा राज्यों में चंद्र दर्शन का समय क्या है?
चन्द्र दर्शन का महत्व
हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुससर, भगवान श्री गणेश ने चंद्रमा को वचन दिया था कि स्त्री या पुरुष जो भी लोग द्वितीया तिथि यानी दूज को तुम्हारा दर्शन और पूजन करेंगे, वे पुण्य कमाएंगे, यह मैं तुम्हें वरदान देता हैं। इस दिन केवल चंद्रमा के दर्शन मात्र से पुण्य मनुष्य के साथ चिपक जाता है। यही चंद्र दर्शन का सबसे बड़ा लाभ है।
वैज्ञानिक रूप से चंद्रमा प्रकृति का चक्र को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं। चंद्रमा पृथ्वी का एक प्राकृतिक उपग्रह हैं और यह पृथ्वी पर ज्वार-भाटा लाते हैं। चंद्रमा का मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। पूर्णिमा के दिन लोग अधिक उत्साहित महसूस करते हैं, जबकि अमावस्या के दिन लोग थोड़े उदास महसूस कर सकते हैं।
चन्द्र दर्शन से ज्योतिष लाभ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, द्वितीया तिथि, चंद्रमा की दूसरी कला, एक अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्वयं सूर्यदेव कृष्ण पक्ष में इसी तिथि को चंद्रमा का अमृत पीकर अपनी ऊर्जा का संचार करते हैं। शुक्ल पक्ष में वे इस अमृत को पुनः चंद्रमा को लौटा देते हैं। मान्यता है कि शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती बेहद समीप होते हैं। इस पावन अवसर पर शिव पूजन, रुद्राभिषेक, पार्थिव पूजन और चंद्र दर्शन-पूजन का विशेष महत्व है। इससेमन शांत और स्थिर होता है।
ऐसे करें चंद्रमा की पूजा
मान्यता है कि चंद्र को अर्घ्य देने देने से मन शांत होता है और वैवाहिक सुख, कारोबार और करियर में सफलता मिलती है। यह अनुष्ठान मात्र 5 मिनट में किया जा सकता है। इसके अद्भुत परिणाम देखने को मिलते हैं और चंद्रदेव की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
- द्वितीया तिथि को चांद निकलते ही चांदी के बर्तन में दूध और चावल मिलाकर चंद्रदेव को अर्घ्य दें।
- इसके बाद दौरान चंद्रमा की आरती करके अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
- यदि विवाहित हैं, तो पति-पत्नी मिलकर चंद्रमा को अर्घ्य दें। इससे वैवाहिक जीवन दंपति के बीच क्लेश नहीं होता है और संबंध मधुर रहते हैं।
कुछ चुनिंदा शहरों में चंद्र दर्शन का समय
मंगलवार 3 दिसंबर, 2024 को मार्गशीर्ष माह की द्वितीया तिथि है, जब चंद्र दर्शन स्पष्ट रूप से किया जा सकता है। यहां कुछ चुनिंदा राज्यों के चंद्रोदय का समय दिया गया है:
अरुणाचल: 4:22 pm - 5:53 pm
असम: 4:31 pm - 6:03 pm
बिहार: 4:59 pm - 6:32 pm
हरियाणा: 5:26 pm - 6:58 pm
हिमाचल: 5:19 pm - 6:49 pm
झारखंड: 5:02 pm - 6:38 pm
मेघालय: 4:32 pm - 6:04 pm
मणिपुर: 4:25 pm - 5:59 pm
पंजाब: 5:21 pm - 6:51 pm
राजस्थान: 5:46 pm - 7:21 pm
उत्तराखंड: 5:17 pm - 6:48 pm
उत्तरप्रदेश: 5:13 pm - 6:46 pm
जम्मू: 5:24 pm - 6:53 pm
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।