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Chandra Grahan 2024 का राशियों पर क्या असर? दूसरा चंद्रग्रहण कब, भारत में दिखेगा या नहीं?

Chandra Grahan 2024: साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च, 2024 को लगा था, वहीं दूसरा ग्रहण 18 सितंबर को लगने वाला है। आइए जानते हैं, यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा या नहीं, इसका सूतक काल क्या है और राशियों पर इसका क्या असर होने की संभावना है?
10:06 PM Jun 27, 2024 IST | Shyam Nandan
chandra grahan 2024 का राशियों पर क्या असर  दूसरा चंद्रग्रहण कब  भारत में दिखेगा या नहीं

Chandra Grahan 2024: हिन्दू पंचांग के अनुसार, साल 2024 का दूसरा चंद्र ग्रहण सितंबर महीने में लगेगा। इस साल दो चंद्र ग्रहण लगने के योग बने हैं, जिसमें पहला ग्रहण 25 मार्च को लग चुका है। वहीं दूसरा ग्रहण 18 सितंबर को लगने जा रहा है। आइए जानते हैं कि यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा या नहीं, इसका सूतक काल क्या है और राशियों पर इस ग्रहण का क्या असर होगा?

कैसा होगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण?

चंद्र ग्रहण एक खास खगोलीय घटना है। चंद्र ग्रहण तब लगता है, जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में होते हैं। पृथ्वी के बीच में होने कारण सूर्य का प्रकाश अवरुद्ध हो जाता है यानी चंद्रमा पर नहीं पड़ता है। इस घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते है। इसका वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों रूपों में महत्व है। इस घटना का असर देश-दुनिया, मौसम, भूकंप, सुनामी जैसी घटनाओं और सभी राशियों पर पड़ता है।

18 सितंबर को लगने वाले साल के दूसरे चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 6 मिनट की है। यह ग्रहण सुबह 6 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगा और सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। बता दें, यह एक खंडग्रास प्रकार का चंद्र ग्रहण (Partial Lunar Eclipse) है।

चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा या नहीं?

18 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारतीय समय के मुताबिक सुबह यानी दिन में लग रहा है। इसलिए इसे भारत में नहीं देखा जा सकता है। लेकिन यह चंद्र ग्रहण एशिया के अधिकतर भागों, यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी और अमेरिका, आर्कटिक, अंटार्कटिका और हिंद महासागर के कुछ सीमित क्षेत्रों में दिखेगा। कहा जा रहा है कि मुंबई और भारत के कुछ पश्चिमी शहरों में यह चंद्र ग्रहण दिख सकता है, लेकिन यह संभव नहीं लग रहा है, क्योंकि 6 बजकर 11 मिनट पूर्ण सूर्य उदय हो चुका होता है और चंद्रदेव अस्त हो चुके हैं।

चंद्र ग्रहण का सूतक काल

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस ग्रहण को आंखों से प्रत्यक्ष देखा जा सकता है, केवल उन्हीं ग्रहण का सूतक समय होता है, जो ग्रहण दृश्यमान नहीं होते हैं, उनका कोई सूतक काल नहीं होता है। चूंकि सितंबर में लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए इसका कोई सूतक काल नहीं है।

चंद्र ग्रहण का राशियों पर असर

चंद्र ग्रहण का सूतक काल नहीं होने का यह अर्थ नहीं कि इसका असर राशियों पर नहीं होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस ग्रहण का असर कुंडली में चंद्र और अन्य ग्रहों की राशियों में स्थिति के अनुसार होगा। यह व्यक्ति-दर-व्यक्ति भिन्न-भिन्न हो सकता है। मोटे तौर पर जिनकी कुंडली में चंद्र अशुभ भाव में हैं या अशुभ ग्रहों से दृष्ट हैं, उन जातकों के जीवन इसका नकारात्मक असर होने के योग हैं। वहीं चंद्र की राशि यानी कर्क राशि के जातकों पर भी इसका व्यापक असर हो सकता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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