Dhanu Sankranti: धनु संक्रांति कब है, ज्योतिष महत्व क्या है? जानें शुभ मुहूर्त और राशियों पर असर
Dhanu Sankranti: ग्रहों के राजा सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं, जिसे 'संक्रांति' कहते हैं। सूर्य का राशि परिवर्तन या संक्रांति ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, सूर्य के राशि परिवर्तन का सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। यह प्रभाव व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे स्वास्थ्य, धन, करियर और रिश्तों पर पड़ सकता है। सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ-साथ ऋतुओं में भी परिवर्तन होता है, जैसे- जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करते हैं, तो वसंत ऋतु का आरंभ होता है। आइए जानते हैं, धनु संक्रांति कब है, ज्योतिष महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है और राशियों पर इसका क्या असर होगा?
धनु संक्रांति कब है?
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष यानी अगहन महीने में पड़ने वाली 'धनु संक्रांति' 15 दिसंबर, 2024 को है। इस दिन भगवान सूर्य मंगल के स्वामित्व वाली वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। धनु राशि के स्वामी ग्रह देवगुरु बृहस्पति हैं। हिन्दू धर्म में धनु संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन विशेष धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं, जिनसे जीवन में शुभता आती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
धनु संक्रांति का ज्योतिषीय महत्व
सूर्य के राशि परिवर्तन से जुड़ी धनु संक्रांति एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना है। जब सूर्य वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तब धनु संक्रांति होती है। यदि मौसम की बाट करें, तो धनु संक्रांति के समय उत्तरी गोलार्ध में शीतकाल शुरू हो जाता है। धनु राशि के स्वामी बृहस्पति हैं, जो ज्ञान, विवेक और समृद्धि के देवता हैं। सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ-साथ ऋतुओं में भी परिवर्तन होता है। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से बृहस्पति का प्रभाव बढ़ जाता है। हिंदू धर्म में धनु संक्रांति को विशेष महत्व है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, दान करते हैं और सूर्य देव की पूजा करते हैं।
धनु संक्रांति 2024 का शुभ मुहूर्त
सनातन पंचांग के अनुसार, 2024 की धनु संक्रांति 15 दिसंबर दिन रविवार को पड़ रही है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन विशेष शुभ मुहूर्त में पूजा-अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। इस बार महापुण्य काल 1 घंटे 43 मिनट का है। यह समय दान, पुण्य और पूजा-अर्चना के लिए अति शुभ माना जाता है।
- पुण्य काल: दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से शाम 05 बजकर 26 मिनट तक
- महापुण्य काल: दोपहर 03 बजकर 43 मिनट से शाम 05 बजकर 26 मिनट तक
धनु संक्रांति की पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान करें। यदि नदी में स्नान संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल से स्नान कर सकते हैं।
- सूर्य देव को लाल फूल के साथ जल का अर्घ्य दें। सूर्य देव की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं, धूप-अगरबत्ती दिखाएं, नैवेद्य-भोग चढ़ाएं।
- जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र आदि दान करें। सूर्य मंत्र का जाप करें। कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं।
धनु संक्रांति 2024 का राशियों पर असर
धनु संक्रांति का सभी 12 राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। कुछ राशियों के लिए यह समय शुभ होता है, जबकि कुछ राशियों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
वृषभ और कन्या राशि: इन राशियों के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। धन की फिजूलखर्ची से आर्थिक संकट बढ़ सकता है।
सिंह और वृश्चिक राशि: इन राशियों के जातकों के साहस और पराक्रम में वृद्धि हो सकती हैं। हेल्थ ठीक रहेगा, मानसिक तनाव कम हो सकता है।
धनु राशि: धनु राशि के जातकों के लिए यह समय बेहद शुभ साबित हो सकता है। उन्हें हर फील्ड में धन लाभ होने के योग हैं। साथ ही नौकरी में तरक्की और पारिवारिक सुख मिल सकता है।
मीन राशि: मीन राशि के जातकों को भी इस समय करियर, नौकरी और व्यापार में लाभ मिल सकता है। उन्हें रचनात्मक कार्यों में सफलता मिलेगी।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।