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Diwali 2024: आज भी मनेगी दीपावली; जानें वजह और लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त

Diwali 2024: सनातन पंचांग के अनुसार, देश के अधिकतर हिस्सों में 31 अक्तूबर को दिवाली मनाई जा चुकी है, लेकिन कुछ जगहों पर दिवाली आज मनाई जाएगी। आइए जानते हैं, इसकी वजह क्या है और आज लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है?
07:34 AM Nov 01, 2024 IST | Shyam Nandan
diwali 2024  आज भी मनेगी दीपावली  जानें वजह और लक्ष्मी गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त

Diwali 2024: सनातन पंचांग के अनुसार, आज शुक्रवार 1 नवंबर 2024 को पूरे दिन अमावस्या तिथि का विस्तार रहेगा और यह तिथि आज की शाम 06 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। इसके बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि प्रारंभ होगी। अमावस्या तिथि शाम तक व्याप्त होने के कारण देश में कुछ जगहों पर दीवाली का पर्व आज मनाया जाएगा। आइए जानते हैं, इसकी वजह शास्त्रीय वजह क्या है और जो भक्त और श्रद्धालु आज दीवाली मना रहे हैं, उनके लिए लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है?

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साल 2024 में दिवाली 2 दिन क्यों?

देश के अधिकतर हिस्सों में 31 अक्तूबर को दिवाली मनाई जा चुकी है, लेकिन कुछ जगहों पर आज दिवाली मनाई जाएगी। इसकी वजह है अमावस्या तिथि का 2 दिन पड़ना। दरअसल, पंचांग के अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्तूबर, गुरुवार को दोपहर बाद 3 बजकर 52 मिनट पर हुई थी और इस तिथि की समाप्ति 1 नवंबर को शाम में 6 बजकर 16 मिनट पर होगी।

कार्तिक अमावस्या तिथि का 2 दिनों में विस्तार होने से इस तिथि का वास्तविक सूर्योदय 1 नवंबर यानी आज है। इसलिए व्रत, पर्व और त्योहार के उदयातिथि नियम के आधार पर दिवाली आज मनाई जाएगी। बता दें कि जब कोई भी तिथि सूर्योदय के समय के बाद 3 प्रहर तक रहती है, तो उसे उदयातिथि कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार, किसी व्रत का उपवास और पूजा उदयातिथि वाले दिन में करनी चाहिए।

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क्या कहते हैं धर्मग्रंथ?

हिन्दू धर्म में जब भी कोई धार्मिक प्रश्न या विवाद उठ खड़ा होता है, तो उसका समाधान धार्मिक ग्रंथों में बताए गए नियमों के आधार पर किया जाता है। जब किसी अमावस्या की तिथि दो दिन पड़ती है, तो इसकी पूजा और उपवास कब रखनी चाहिए, इस विषय में प्रसिद्ध और मानक ग्रंथ ‘धर्मसिंधु’ में लिखा है, “जब अमावस्या तिथि का विस्तार दोनों दिन के प्रदोष काल के 3 प्रहर तक हो, तो अगले दिन के प्रदोष काल में अमावस पूजन उचित मानी जाएगी।" इस प्रकार इस बार दिवाली 1 नवंबर को मनाया जाएगा।

1 नवंबर को मनाना सही या गलत?

कार्तिक अमावस्या 2024 की तिथि की उदयातिथि 1 नबंबर को सूर्योदय के बाद 3 प्रहर तक रहेगी वहीं 1 नबंबर को अमावस्या तिथि में प्रदोष काल भी रहेगा। यही कारण है कि कुछ विद्वान 1 नवंबर को लक्ष्मी पूजन करना उचित मान रहे हैं। इन विद्वानों का यह भी मत है कि 1 नवंबर को दिवाली और लक्ष्मी-गणेश पूजन अधिक शुभ है। इनका मानना है कि चतुर्दशी से युक्त अमावस्या से ज्यादा अच्छी प्रतिपदा से युक्त अमावस्या होती है। इसलिए 1 नवंबर को दिवाली मनाना अधिक फलदायी और लाभकारी है।

1 नवंबर, 2024 को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

शुक्रवार 1 नवंबर, 2024 के पंचांग के अनुसार, आज भक्त और साधक को दिवाली लक्ष्मी पूजन के लिए कुल 41 मिनट का शुभ मुहूर्त मिल रहा है। लक्ष्मी पूजा मुहूर्त आज शाम में 5 बजकर 36 मिनट से 6 बजकर 16 मिनट तक है। वहीं प्रदोष काल 05:36 PM से 08:11 PM तक है। बता दें कि दिवाली के शुभ अवसर पर लक्ष्मी-गणेश पूजन स्थिर लग्न में करना बढ़िया माना जाता है। आज 1 नवंबर को स्थिर लग्न वृषभ काल 06:20 PM से 08:15 PM तक है। 1 नवंबर, 2024 को दिवाली पूजा का कोई निशिता काल पूजा मुहूर्त नहीं है।

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