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Diwali 2024: हनुमानगढ़ी अयोध्या ने की डेट कन्फर्म; 31 अक्टूबर या 1 नवंबर, जानें कब है दिवाली?

Diwali 2024: दिवाली कब है, 31 अक्टूबर या 1 नवंबर...इस पर अभी कन्फ्यूजन बरकरार है। लेकिन जैसे-जैसे धर्माचार्य, धार्मिक सस्थाएं और विद्वान शास्त्रीय मत और अपनी-अपनी बातें रख रहे हैं, उससे स्थिति धीरे-धीरे स्पष्ट होती जा रही है। आइए जानते हैं, दिवाली कब है?
08:16 PM Oct 27, 2024 IST | Shyam Nandan
diwali 2024  हनुमानगढ़ी अयोध्या ने की डेट कन्फर्म  31 अक्टूबर या 1 नवंबर  जानें कब है दिवाली

Diwali 2024: दिवाली मनाने की डेट लेकर पैदा हुए भ्रम के बीच विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने पुष्टि की है कि इस साल दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा है कि दिवाली की तिथि वास्तव में 31 अक्टूबर है। दिवाली कब मनाई जाएगी, इस सवाल का जवाब उन्होंने इंडिया टुडे टीवी को दिए एक बयान में स्पष्ट किया कि दिवाली 31 अक्टूबर की रात को मनाई जाएगी। इससे दिवाली मनाने की तारीख लेकर पहले से चल रही उलझन दूर होने की प्रबल संभावना है।

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स्पष्टीकरण से अनिश्चितता हुई दूर

शर्मा ने बताया, "इस साल अमावस्या की तिथि कृष्ण पक्ष के 14वें दिन के साथ मेल खा रही है। चूंकि अमावस्या उसी दिन दोपहर से शुरू हो रही है, इसलिए दिवाली 31 अक्टूबर की रात को मनाई जाएगी।" संभावना है इस स्पष्टीकरण से यह अनिश्चितता दूर हो जानी चाहिए कि दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा या 1 नवंबर को। बता दें कि अमावस्या तिथि की गुरुवार 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी।

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हनुमान जयंती दीपोत्सव 30 अक्टूबर को

अयोध्या दीपोत्सव | फोटो साभार: ayodhya-visit.com

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अयोध्या स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर ने इस बात कि पुष्टि की है कि दिवाली से पहले मनाया जाने वाला दीपोत्सव 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह दीपोत्सव हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में हर साल दिवाली से ठीक एक दिन पहले मनाया  है। कहने का तात्पर्य यह कि हनुमानगढ़ी मंदिर के दीपोत्सव के अगले दिन अयोध्या में दिवाली मनाई जाती है। हनुमानगढ़ी मंदिर महंत राजू दास जी ने बताया कि दिवाली का कब मनाना है, इसके लिए उदया तिथि के साथ चलने से लाभ नहीं है। मुहूर्त के अनुसार, हनुमानगढ़ी में दिवाली से पहले मनाया जाने वाला दीपोत्सव 30 अक्टूबर और दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

काशी, मथुरा, द्वारिका और तिरुपति में कब है दिवाली?

अयोध्या, काशी, मथुरा और देवघर के विद्वान आचार्यों और पंडितों के मुताबिक, मां लक्ष्मी-श्रीगणेश पूजन और दीपोत्सव 31 अक्टूबर को अमावस्या प्रदोष काल में ही मनाना सही है। वहीं धनतेरस पूजा और खरीदारी 29 अक्टूबर को उचित है। बता दें कि बांके बिहारी मंदिर वृंदावन (यूपी), श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा (राजस्थान), तिरुपति देवस्थानम (आंध्र प्रदेश) और द्वारकाधीश मंदिर (गुजरात ) में भी दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर को ही मनाए जाने की बात की जा रही है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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