मेन गेट को इस समय न करें बंद, घर में मां लक्ष्मी का होता है आगमन
Arrival Time of Devi Lakshmi: हिन्दू धर्म ग्रंथों में देवी लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है। इन ग्रथों में देवी लक्ष्मी की वंदना 'धनदा' कह कर की गई है, जिसका अर्थ है 'धन देने वाली'। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, उनका प्रादुर्भाव के समुद्र मंथन के समय हुआ था। वे जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु की पत्नी हैं। कमल का पुष्प उनका प्रिय आसन है। मान्यता है कि मनुष्य को धन-संपत्ति, ऐश्वर्य-वैभव, समृद्धि और सौभाग्य देवी लक्ष्मी की कृपा से प्राप्त होते हैं। जिस व्यक्ति पर मां लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है, उस व्यक्ति को 'श्रीहीन' कहा जाता है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि देवी लक्ष्मी का मनुष्य के घरों में प्रवेश करने का एक निश्चित और शुभ समय होता है। यहां इसी शुभ समय की बात की गई है।
देवी लक्ष्मी शाम को आती हैं या रात में?
घर में मां लक्ष्मी दिन में आती हैं रात में, उनका आगमन सुबह में होता या शाम में, इसे लेकर धार्मिक ग्रंथों में काफी चर्चाएं मिलती है। दिन में उनके आगमन की बात को सभी ग्रंथों में नकारा गया है। ग्रंथों में बताया गया है कि सिर्फ अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी घर में कभी भी आ सकती हैं। जहां तक रात की बात है, तो मां लक्ष्मी दीपावली की रात को घरों में प्रवेश करती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सामान्य दिनों में मां लक्ष्मी शाम के समय घर में दस्तक देती हैं, जो घर उन्हें भाता है, उसमें प्रवेश कर जाती हैं।
मां लक्ष्मी के आगमन का समय
धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि मां लक्ष्मी शाम में लोगों के घर में आगमन करती हैं। शाम में वे 7 बजे से लेकर 9 बजे के बीच अपने वाहन उल्लू पर बैठकर भ्रमण पर निकलती हैं और जिस घर में उन्हें शुभ लक्षण दिखता है, उसमें प्रवेश कर जाती हैं। इसलिए इस समय घर के मेन गेट यानी मुख्य द्वार को खुला रखना चाहिए। कहते हैं, मुख्य प्रवेश द्वार को बंद देखकर धनदा देवी लक्ष्मी वापस लौट जाती हैं।
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देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए क्या करें
- घर के प्रवेश द्वार को तोरण से सजाकर रखें और घी का दीपक जलाएं।
- यदि स्थान हो, तो मुख्य द्वार की दायीं ओर एक चौरे में तुलसी की स्थापना करें।
- घर के मंदिर और मुख्य द्वार सहित घर में कहीं भी गंदगी न रहने दें।
- घर के मुख्य द्वार पर देवी लक्ष्मी के पद-चिह्न, स्वस्तिक या श्रीयंत्र स्थापित करें।
- शुक्रवार का व्रत करें, शुभ और सदाचारी जीवन जिएं, दान-पुण्य करें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने या सुझाव को अमल में लाने पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।