Shiv Puran Story: गंगा में नहाने से भी नहीं धुलते हैं इन लोगों के पाप! क्या कहता है शिवपुराण?
Shiv Puran Story: हिन्दू धर्म में गंगा को सबसे पवित्र नदी माना जाता है। लोग देवी गंगा की पूजा भी करते हैं। हिन्दू शास्त्रों में बताय गया है कि मृत्यु के बाद अगर अस्थि को गंगा के जल में प्रवाहित कर दिया जाता है तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन अब सवाल उठता है कि क्या गंगा में नहाने से लोगों के पाप सच में धुल जाते हैं? चलिए जानते हैं भगवान शिव ने माता पार्वती को इसके बारे में क्या बताया था?
पौराणिक कथा
पौराणिक समय की बात है, एक दिन भगवान शिव और माता पार्वती हरिद्वार घूमने आये। हरिद्वार आकर माता पार्वती ने देखा कि हजारों लोग पवित्र नदी गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। यह देख उन्होंने भगवान शिव से पूछा, स्वामी क्या देवी गंगा अब भी पहले की तरह पवित्र हैं? और क्या गंगा में नहाने से लोगों के पाप धुल जाते हैं? तब भगवान शिव ने कहा देवी गंगा तो पहले की तरह ही पवित्र और निर्मल हैं लेकिन मैं आपको कल बताऊंगा कि गंगा में नहाने से लोगों के पाप धुलते है या नहीं।
हरिद्वार की कथा
अगली सुबह भगवान शिव माता पार्वती के साथ हरिद्वार के गंगा तट पर पहुंचे और उन्होंने कहा मैं एक बूढ़े व्यक्ति के रूप में एक गड्ढे में गिर जाता हूं। गंगा नहाने के बाद जब भी कोई व्यक्ति यहां से गुजरे तो तुम उसे मुझे गड्ढे से बाहर निकालने को कहना। लेकिन मुझे हाथ लगाने से पहले उसे ये जरूर कह देना ,अगर उसने जीवन में कोई पाप नहीं किया हो तभी मुझे छुए नहीं तो वो जलकर भस्म हो जाएगा।
इतना कहकर भगवान शिव एक बूढ़े व्यक्ति के रूप में गड्ढे में चले गए और माता पार्वती ने भी एक बूढी स्त्री का रूप ले लिया। उसके बाद जो भी वहां से गुजरता उसे माता पार्वती भगवान शिव रूपी बूढ़े व्यक्ति को बचाने को कहती। परन्तु लोग जैसे ही सुनते कि अगर उसने जीवन में कोई पाप नहीं किया हो तभी भगवान शिव को हाथ लगाए, वह वहां से चला जाता। इसी तरह सुबह से शाम तक कोई भी व्यक्ति भगवान शिव रूपी बूढ़े व्यक्ति को गड्ढे से नहीं निकाला। शाम को एक युवक वहां से हाथ में लोटा लिए गुजर रहा था तो उसे माता पार्वती ने रोका और कहा ये मेरे पति हैं. उम्र होने के कारण गड्ढे में गिर गए हैं। सुबह से मैं लोगों से इन्हें निकालने को कह रही हूं,लेकिन कोई भी मेरी मदद नहीं कर रहा है। क्या तुम मेरी मदद करोगे?
पाप क्यों नहीं धुलते?
माता पार्वती की बातें सुनकर उस युवक ने कहा माते आप चिंता मत करिए मैं अभी आपके पति को इस गड्ढे से बाहर निकालता हूं। उसके बाद जैसे ही उस युवक ने लोटा रखकर भगवान शिव को निकालने के लिए आगे बढ़ा, माता पार्वती युवक से बोली, अगर तुमने जीवन में कोई पाप नहीं किया हो तभी मेरे पति को हाथ लगाना, नहीं तो यहीं जलकर भस्म हो जाओगे। माता पार्वती की बातें सुनकर युवक बोला माते ! क्या आपको मुझ पर संदेह है। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि मैंने अपने जीवन में कोई पाप नहीं किया है। अगर अनजाने में कोई गलत काम मुझसे हो भी गया हो तो, गंगा जी में नहाने के बाद वो भी धुल गया होगा।
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इतना कहकर उस युवक ने भगवान शिव रूपी उस व्यक्ति को गड्ढे से बाहर निकाल दिया। यह देख भगवन शिव अपने असली रूप में आ गए और युवक को ढेर सहारा आशीर्वाद दिया। फिर युवक के जाने के बाद भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा- देवी इस युवक के गंगा में नहाने से तो सारे पाप धुल गए लेकिन सभी के पाप गंगा में नहाने के बाद भी नहीं धुलते। गंगा में नहाने से तन का मैल तो धुल जाते हैं, लेकिन जो मन को साफ कर गंगा में स्नान नहीं करता उसके पाप कभी नहीं धुलते।
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