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योगिनी एकादशी पर इन 9 गलतियों से आ सकती है तंगहाली, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी हो सकते हैं नाराज
Ekadashi Vrat Niyam: योगिनी एकादशी, जो कि आषाढ़ महीने की कृष्ण पक्ष में आती है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण एकादशी व्रत है। मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित इस व्रत को रखने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन इस व्रत में कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए, जिनके कारण व्रत का पूरा फल नहीं मिल पाता है। वहीं इन गलतियों के कारण भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी नाराज भी हो सकते हैं। इससे जीवन में बदहाली आ सकती है। आइए जानते हैं, क्या हैं ये गलतियां?
योगिनी एकादशी कब है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, योगिनी एकादशी आषाढ़ महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। साल 2024 में यह व्रत मंगलवार 2 जुलाई को रखा जाएगा। एकादशी तिथि की शुरुआत 1 जुलाई को 10 बजकर 26 मिनट पर होगी, जो 2 जुलाई की सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी। व्रत की उदयातिथि के अनुसार, योगिनी एकादशी व्रत 2 जुलाई को रखा जाएगा। वहीं, इसके पारण का समय 3 जुलाई की सुबह 5 बजकर 28 मिनट से लेकर 7 बजकर 10 मिनट तक है।
योगिनी एकादशी पर न करें ये 9 गलतियां
1. अन्न का सेवन: जो योगिनी एकादशी का व्रत रखते है, इस दिन उनके मुंह में अन्न का एक दाना तक नहीं जाना चाहिए। इससे व्रत टूट जाता है।
2. लहसुन और प्याज का सेवन: योगिनी एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित व्रत है। जिस घर में यह व्रत रखा जाता है, उस दिन घर के सभी सदस्यों को लहसुन और प्याज के सेवन से परहेज करना चाहिए। यहां तक कि बाजार की चीजें भी खाने से बचना चाहिए।
3. मांस, मदिरा और मसालेदार भोजन का सेवन: योगिनी एकादशी के दिन मांस, मदिरा और मसालेदार भोजन का सेवन करना भी वर्जित माना गया है। कहते हैं कि वैष्णव के संप्रदाय के साधक-साधिका इसके गंध से भी परहेज करते हैं। मान्यता है कि इससे मन को अशुद्ध हो जाता है और व्रत का फल कम मिलता है।
4. झूठ बोलना और गाली देना: योगिनी एकादशी का व्रत रखने वाले साधक-साधिका को इस दिन केवल सत्य बोलना चाहिए। वाणी में मिठास और सहजता रखनी चाहिए। झूठ बोलना और गाली देना इस दिन पाप माना गया है।
5. क्रोध और कामुकता: क्रोध और कामुकता मन को अशांत करते हैं। इससे व्रत भंग हो जाता है। इसलिए योगिनी एकादशी के दिन इनसे बचना चाहिए।
6. दान नहीं करना: योगिनी एकादशी के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अवश्य रूप से दान करना चाहिए। इस दिन को दान करना बहुत पुण्यकारी माना गया है।
7. भगवान की पूजा न करना: जो साधक या साधिका योगिनी एकादशी व्रत रखते हैं, उनको इस दिन भगवान विष्णु की पूजा भूल से भी नहीं भूलना चाहिए। भगवान की पूजा नहीं करने से व्रत का फल प्राप्त नहीं होता है।
8. बड़े-बुजुर्गों का आदर न करना: इस एकादशी के दिन मन, वचन, कर्म या किसी भी रूप में न केवल घर बल्कि किसी भी बड़े-बुजुर्गों का अनादर करना पाप माना गया है।
9. पारण न करना: जो व्यक्ति एक व्रत को रखते हैं, उनको हर हालत में पारण के लिए तय समय में व्रत को किसी भी सात्विक खाद्य पदार्थ का सेवन कर तोड़ लेना चाहिए। यदि खाने की कोई सामग्री न हो, तो केवल तुलसी पत्र और जल को ग्रहण पारण कर लेना चाहिए।
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