डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
Parshuram Dwadashi 2024: परशुराम द्वादशी के 5 उपाय; उत्तम संतान का वरदान सहित खुलेंगे आय के नए स्रोत
Parshuram Dwadashi 2024: भगवान राम के अवतार से पहले और वामन अवतार के बाद भगवान विष्णु ने जो अवतार लिया, वे भगवान परशुराम कहलाते हैं। यह उनका छठवां अवतार था, जो वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हुआ था। लेकिन इस दिन के नवें दिन 'परशुराम द्वादशी' मनाई जाती है, जिसका हिन्दू धर्म में बहुत खास महत्व है।
क्यों हुआ था परशुराम अवतार?
कहते हैं, धरती पर हैहय राजा सहस्त्रबाहु और अन्य दुष्ट राजाओं के अत्याचार और आतंक बढ़ जाने पर स्वयं धरती माता ने भगवान विष्णु से अपना उद्धार करने की प्रार्थना की थी। तब उन्होंने ऋषि जमदग्नि और देवी रेणुका के पुत्र के रूप में जन्म लिया। ऋषि जमदग्नि ने उनका नाम 'राम' रखा। राम महान शिवभक्त थे। उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न कर युद्ध विद्या सिखलाने का वरदान मांगा।
राम से बने परशुराम
युद्ध शिक्षा खत्म होने पर शिवजी ने उनकी भक्ति और युद्ध प्रतिभा से प्रसन्न होकर अपना 'परशु' (फरसा) प्रदान किया। तब से जमदग्नि-पुत्र राम, 'परशुराम' बन गए। जिस दिन यह घटना हुई थी, वह दिन वैशाख शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि थी।
इसलिए मनाई जाती है परशुराम द्वादशी?
परशुराम परम महान मातृ-पितृ भक्त और आज्ञाकारी पुत्र थे। भगवान परशुराम ने दुष्ट राजाओं का 21 बार संहार कर धरती को मुक्त किया था। उनके जैसा आज्ञाकारी और प्रतापी संतान पाने के लिए परशुराम द्वादशी मनाई जाती है।
परशुराम द्वादशी पर करें ये 5 उपाय
संतान की इच्छा रखने वाले दंपति परशुराम द्वादशी के दिन भगवान परशुराम की पूरी निष्ठा और विधि-विधान से उनकी पूजा करते है। इस दिन धन-धान्य, सुख-समृद्धि सहित भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए विशेष उपाय भी किए जाते हैं।
हल्दी गांठ के उपाय: परशुराम द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की विधवत पूजा करें और उनकों चरणों में ताजे हल्दी की गांठ अर्पित करें। पूजा के बाद इस हल्दी को तिजोरी या धन रखने की जगह पर रखें। यह धन वृद्धि में सहायक होगा।
प्रतीकात्मक परशु अर्पित करें: यदि पास में कोई परशुराम मंदिर या दशावतार मंदिर या विष्णु मंदिर हो, तो परशुराम द्वादशी के रोज उनको प्रतीकात्मक परशु अर्पित करें। शीघ्र ही शुभ समाचार प्राप्त होगा।
निर्जला व्रत रखें: उत्तम संतान प्राप्ति के उद्देश्य से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए परशुराम द्वादशी के दिन निर्जला व्रत रखें। शाम में परिवार के सदस्यों और कुटुंब सहित सत्यनारायण कथा सुनें।
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विशेष लकड़ी से हवन करें: अपनी मनोकामना का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा कर पलाश या सफेद मदार से हवन करें। शीध्र ही लाभ होगा।
पीले वस्त्र का दान करें: परशुराम द्वादशी के दिन जरुरतमंदों और गरीबों को फल, अनाज, मिठाई सहित पीले वस्त्र दान करें। यह उपाय धन की आमद को बढ़ाकर आर्थिक संकट दूर करने में सहायक हो सकता है।
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