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Ganesh Chaturthi 2024: गणेश जी को भूलकर भी न चढ़ाएं ये एक चीज, पढ़े इसके पीछे की पौराणिक कथा

Ganesh Chaturthi 2024: भगवान गणेश को सभी देवी-देवताओं में उच्च स्थान प्राप्त है। इसलिए पूजा-पाठ, हवन और यज्ञ आदि धार्मिक अनुष्ठान में गणपती बाप्पा की सबसे पहले उपासना का जाती है। हालांकि एक चीज ऐसी भी है, जिसे गणेश जी को चढ़ाने की मनाही है। चलिए जानते हैं उसके पीछ के कारण के बारे में।
10:00 AM Sep 05, 2024 IST | Nidhi Jain
ganesh chaturthi 2024  गणेश जी को भूलकर भी न चढ़ाएं ये एक चीज  पढ़े इसके पीछे की पौराणिक कथा
गणेश जी ने क्यों दिया था देवी को श्राप?

Ganesh Chaturthi 2024: सनातन धर्म के लोगों के लिए भगवान गणेश की पूजा का खास महत्व है। माना जाता है कि जो लोग नियमित रूप से गणेश जी की उपासना करते हैं, उनके घर में कभी भी नकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है। इसी के साथ धन की देवी मां लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। गणेश जी की पूजा करने के लिए गणेश चतुर्थी के पर्व को सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन घर में गणेश जी की मूर्ति को विराजमान करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। वहीं जो लोग 10 दिन तक लगातार गणपति बप्पा की उपासना करते हैं और उन्हें उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाते हैं, उनके ऊपर गणेश जी अपना विशेष आशीर्वाद बनाए रखते हैं।

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हालांकि कुछ चीजें ऐसी भी हैं, जिन्हें गणेश जी को चढ़ाने की मनाही है। चलिए जानते हैं उस एक चीज के बारे में, जिन्हें गणपति बप्पा को चढ़ाने से साधक को उसकी पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।

गणेश चतुर्थी कब है?

वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद माह में आने वाली चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है, जिसका समापन 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी के पर्व के दिन होता है। इस बार 7 सितंबर 2024 को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा। वहीं विसर्जन 17 सितंबर 2024 को होगा। 7 सितंबर को भगवान गणेश जी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:03 मिनट से लेकर दोपहर 01:33 मिनट तक है।

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गणेश जी ने मां तुलसी को क्यों दिया था श्राप?

पौराणिक कथा के अनुसार, एक दिन गंगा नदी के घाट के समीप भगवान गणेश ध्यान लगाएं बैठे हुए थे। इसी बीच माता तुलसी वहां आ गई। गणेश जी को देखते ही देवी तुलसी उनकी तरफ मोहित हो गई। उन्होनें भगवान गणेश को ध्यान से जगाया और उनके सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया। इस प्रस्ताव को सुनने के बाद भगवान गणेश को बेहद क्रोध आया और उन्होंने गुस्से में आकर तुलसी देवी को श्राप दिया कि, 'तुम्हारा विवाह एक असुर से होगा।' इसी के साथ उन्होंने देवी को कहा कि, 'मेरी पूजा में कभी भी आपका नाम नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा मेरी उपासना में आपका प्रयोग नहीं किया जाएगा।'

देवी तुलसी ने गणेश जी को क्या श्राप दिया था?

भगवान गणेश के अलावा देवी तुलसी ने भी गणेश जी को श्राप दिया कि, 'उनकी दो शादियां होंगी।' शिव पुराण के अनुसार, गणेश जी की दो पत्नियां है, जिनका नाम रिद्धि और सिद्धि है। इसी वजह से आज भी भगवान गणेश की पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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