Ganesh Chaturthi 2024: तीसरे दिन इस विधि के साथ करें गणेश विसर्जन, जानें शुभ मुहूर्त और योग

Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी के शुभ दिन भगवान गणपति की स्थापना की जाती है। वहीं इसके कुछ दिन बाद गणपति विसर्जन करके बप्पा को विदा किया जाता है, जिसका सिलसिला अनंत चतुर्दशी के दिन तक चलता है। यदि आप भी आज यानी गणेश चतुर्थी के तीसरे दिन गणपति विसर्जन करने वाले हैं, तो चलिए जानते हैं आज विसर्जन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।

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गणपति विसर्जन की पूजा विधि

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Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्दशी पर्व का आरंभ हो गया है। इस शुभ दिन लोग अपने घर में भगवान गणेश की प्रतिमा को लेकर आते हैं। 10 दिन तक बप्पा की पूजा करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन पूरे विधि-विधान के साथ गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन करके उन्हें विदा करते हैं। हालांकि कुछ लोग अनंत चतुर्दशी से पहले ही बप्पा को विदा कर देते हैं। यदि आप भी गणेश चतुर्दशी के तीसरे दिन यानी आज गणेश विसर्जन करने वाले हैं, तो इससे पहले गणेश विसर्जन की पूजा विधि जान लें।

दरअसल, गणेश स्थापना की तरह गणपति विसर्जन भी पूरे विधि-विधान से करना जरूरी होता है। नहीं तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। चलिए जानते हैं आज यानी 9 सितंबर 2024 को गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त क्या है। इसी के साथ आपको गणपति विसर्जन की पूजा विधि के बारे में भी जानने को मिलेगा।

तीन शुभ योग का बना महासंयोग

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 7 सितंबर को मनाया गया था। वहीं अनंत चतुर्दशी का त्योहार 17 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। आज गणेश चतुर्थी का तीसरा दिन है। आज यानी 9 सितंबर 2024 को गणेश विसर्जन के लिए चार शुभ मुहूर्त हैं। इसके अलावा आज वैधृति, सर्वार्थ सिद्धि, रवि योग का भी महासंयोग बन रहा है, जिससे इस दिन का महत्व अपने आप में बढ़ जाता है।

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तीसरे दिन के शुभ मुहूर्त

  • पहला शुभ मुहूर्त- सुबह 06:03 से लेकर 07:37 मिनट तक
  • दूसरा शुभ मुहूर्त- सुबह 09:11 से लेकर 10:44 मिनट तक
  • तीसरा शुभ मुहूर्त- दोपहर 01:52 से लेकर शाम 07:59 मिनट तक
  • चौथा शुभ मुहूर्त- रात 10:52 से लेकर मध्‍यरात्रि 12:18 मिनट तक

गणपति विसर्जन की पूजा विधि

  • प्रात: काल जल्दी उठें। स्नान आदि कार्य करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
  • भगवान गणेश की पूजा करें।
  • गणपति जी को फल, फूल और मिठाई का भोग लगाएं।
  • दोनों हाथों से गणेश जी की प्रतिमा को उठाकर विसर्जन स्थल पर लेकर जाएं।
  • विसर्जन स्थल पर एक चौकी रखें। उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। उस पर प्रतिमा को रखें।
  • भगवान का हल्दी व कुमकुम से तिलक करें।
  • बप्पा को अक्षत अर्पित करें।
  • भगवान के सामने घी का दीपक जलाएं।
  • बप्पा को फूल से बनी माला पहनाएं।
  • मोदक का भोग लगाने के बाद बप्पा की आरती करें।
  • पूजा के दौरान जाने-अनजाने में की गई गलतियों के लिए भगवान से माफी मांगें।
  • गणपति बप्पा मोरया... के जयकारे लगाएं। जयकारों के साथ गणेश जी की प्रतिमा को पानी में विसर्जित कर दें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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