Ganga Dussehra 2024: अक्षय फल देने वाला गंगा दशहरा कब, जानें शुभ तिथि, मुहूर्त और महत्व
Ganga Dussehra 2024: सनातन धर्म में गंगा दशहरा का बहुत ही विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन जो लोग स्नान-ध्यान करता है उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा का पर्व प्रत्येक साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन अन्न, भोजन और जल का दान करने का विशेष महत्व होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की पूजा का भी विधान है। साथ ही इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने का भी विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल गंगा दशहरा का पर्व 16 जून 2024 को मनाया जाएगा। तो आज इस खबर में जानते हैं कि गंगा दशहरा की शुभ तिथि क्या है, स्नान करने का शुभ मुहूर्त क्या है। साथ ही गंगा दशहरा का महत्व क्या है।
कब है गंगा दशहरा का पर्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा का पर्व ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को शुरू होगा। दशमी तिथि की शुरुआत 16 जून को देर रात 2 बजकर 31 मिनट पर होगी और समाप्ति अगले दिन यानी 17 जून को सुबह 4 बजकर 42 मिनट पर गोगी। सनातन धर्म में उदया तिथि का मान्य होता है। इसलिए गंगा दशहरा का पर्व 16 जून को मनाया जाएगा।
गंगा दशहरा पूजा विधि
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन प्रात काल उठें। उसके बाद पवित्र नदी, गंगा नदी में स्नान करें। यदि गंगा नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर में ही बाल्टी में गंगाजल डालकर स्नान करें। स्नान करने के बाद तांबे के लोटे में जल लें और गंगाजल, अक्षत और फूल डालकर ग्रहों के राजा सूर्य देव को अर्घ्य दें। साथ ही मां गंगा की आरती भी करें और गंगा जी के प्रिय मंत्र का जाप भी करें।
गंगा दशहरा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन गंगा जी या पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ फलदायी होता है। जो लोग इस दिन गंगा जी में स्नान करते हैं उन्हें अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है। साथ ही साथ मां गंगा का आशीर्वाद भी होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भी दान करना चाहिए। इस दिन फल, जूता, घड़ा, छाता और कपड़ा का दान करने के विशेष महत्व है। गंगा दशहरा के दिन सूर्य देव को अर्घ्य भी दिया जाता है। इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी रोग-दुख से मुक्ति मिलती है। मां गंगा की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।