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Gangajal Rules: घर में गंगाजल रखने के 5 नियम, वरना हो सकता है अपशकुन

Gangajal Rules: सनातन धर्म में गंगाजल को अत्यधिक पवित्र माना गया है। इसका कभी भी और किसी रूप में अनादर नहीं करना चाहिए, अन्यथा सौभाग्य और समृद्धि पर नकारात्मक असर पड़ता है। आइए जानते हैं, घर में गंगाजल रखने के नियम क्या हैं?
04:36 PM May 24, 2024 IST | Shyam Nandan
गंगा हिन्दू धर्म की पवित्रतम नदी है।
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Gangajal Rules: गंगाजल के परिचय में अधिक कुछ कहने की जरूरत नहीं है। दुनिया के सभी हिन्दुओं के लिए यह पवित्र से पवित्र वस्तुओं में से एक है। यही कारण है कि प्रायः सभी हिन्दू घरों में पूजा, यज्ञ या विशेष अवसरों पर उपयोग के लिए गंगाजल रखा जाता है। यदि आप भी घर में गंगाजल रखते हैं या इसे घर लाने की सोच रहे हैं, तो आपको 5 बातें हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए।

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1. प्लास्टिक की बोतल में न रखें गंगाजल

प्लास्टिक के बढ़े हुए चलन के कारण लोग गंगाजल को प्लास्टिक की बोतलों में रखने लगे हैं। गंगाजल एक शुद्ध, प्राकृतिक और पवित्र जल है। यह तभी तक असरकारी है, जब तक वह शुद्ध और पवित्र है। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार, अशुद्ध और अपवित्र गंगाजल पूजा-पाठ में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। प्लास्टिक बोतल में रखे गंगाजल में प्लास्टिक की विषाक्तता घुल सकती है और वह अशुद्ध हो सकता है। बता दें, गंगाजल के लिए तांबे के पात्र को सबसे अच्छा माना गया है।

2. गंगाजल रखने के कमरे में  न करें तामसिक भोजन

प्रायः गंगाजल को पूजा घर में रखा जाता है, लेकिन कुछ लोग इसे अन्य कमरों में भी रखते हैं। उन कमरों में तामसिक भोजन, जैसे- अंडा, मांस, मछली, चिकन आदि से बने भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इससे गंगाजल अशुद्ध हो जाता है। ऐसे कमरों में न तो शराब की बोतल रखनी चाहिए और न ही सेवन करनी चाहिए। मान्यता है कि इस नियम का उल्लंघन करने से धन हानि सहित कुछ अनिष्ट हो सकता है।

3. जूते-चप्पल पहने हुए गंगाजल छूने करें परहेज

धार्मिक मान्यता के अनुसार, गंगाजल एक मंदिर की तरह पवित्र होता है। जैसे मंदिर में जूते-चप्पल पहने हुए प्रवेश नहीं किया जाता है, ठीक वैसे ही गंगाजल को जूते-चप्पल पहनी हुई अवस्था में छूने से परहेज करना चाहिए। इसे गंगा मैया और गंगा नदी का अनादर माना जाता है, जो दुर्भाग्य को आमंत्रित कर सकता है।

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4. गंदे हाथों से न छुएं गंगाजल

गंगाजल के पात्र को कभी भी गंदे हाथों से नहीं छूना या पकड़ना चाहिए। गंगा मैया के प्रति सम्मान के रूप में बोतल, बर्तन या पात्र को छूने या पकड़ने से पहले अपने हाथ साफ कर लेने चाहिए। इस नियम की अवहेलना सौभाग्य और समृद्धि की वृद्धि में बाधा बन सकती है।

5. जब ऐसा हो, बदल दें गंगाजल

जिस कमरे में गंगाजल रखी हो, यदि दुर्भाग्य से उस कमरे में किसी की मृत्यु हो जाए या वह कमरा प्रसूति के काम यानी बच्चे के जन्म के लिए इस्तेमाल में आया हो, तो उस कमरे में रखी गंगाजल को इस्तेमाल में नहीं लाना चाहिए और तुरंत बदल देना चाहिए। मान्यता है कि इससे गंगाजल अपवित्र हो जाता है और अपना शुभ प्रभाव खो देता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Tags :
GangajalReligion
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