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Gupt Navratri: घट स्थापना के दौरान भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां, नवदुर्गा का लग सकता है श्राप!

Gupt Navratri 2024: सनातन धर्म के लोगों के लिए साल में आने वाली चारों नवरात्रि का विशेष महत्व होता है, जिस दौरान कुछ नियमों का जरूर पालन करना चाहिए। नहीं तो माता रानी आपसे नाराज भी हो सकती हैं। आइए जानते हैं इस बार आषाढ़ में आने वाले गुप्त नवरात्रि कब हैं घट स्थापना के दौरान किन खास बातों का ध्यान रखना होगा।
10:21 AM Jul 01, 2024 IST | Nidhi Jain
gupt navratri  घट स्थापना के दौरान भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां  नवदुर्गा का लग सकता है श्राप

Gupt Navratri 2024: धार्मिक मान्यता के अनुसार, साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। पहली नवरात्रि चैत्र माह और दूसरी आश्विन मास में आती है। वहीं 2 गुप्त नवरात्रि होते हैं, जो आषाढ़ और माघ मास में आते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2024 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का आरंभ 6 जुलाई से हो रहा है, जिसका समापन 15 जुलाई को होगा। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में आदिशक्ति देवी दुर्गा के 9 रूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही व्रत भी रखा जाता है। हालांकि नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है, जिसमें कुछ नियमों का विशेष ध्यान रखना होता है। नहीं तो नवदुर्गा आपसे नाराज भी हो सकती हैं। चलिए विस्तार से जानते हैं घट स्थापना के नियमों के बारे में।

क्या है घट स्थापना की पूजा का शुभ मुहूर्त?

नवरात्रि की पूजा का आरंभ घट स्थापना के साथ होता है यानी 6 जुलाई को सबसे पहले घट स्थापना की जाएगी। घट स्थापना को कलश स्थापना भी कहा जाता है, जिसके जरिए देवी-देवताओं का आह्वान कर उन्हें बुलाया जाता है। इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 6 जुलाई को प्रात: काल 05 बजकर 56 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 5 मिनट तक है। वहीं इसके बाद दोपहर में अभिजीत मुहूर्त है, जो 11:47 मिनट से लेकर 12:38 मिनट तक रहेगा। इन दोनों ही शुभ मुहूर्त में आप घट स्थापना कर सकते हैं।

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घट स्थापना के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां

  • घट यानी कलश की स्थापना ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में ही करनी चाहिए। किसी ओर दिशा में कलश को स्थापित करने से घर में नकारात्मकता का वास हो सकता है।
  • नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा की पूजा करने के साथ-साथ घट की भी आराधना करनी चाहिए।
  • खंडित यानी टूटे या खराब कलश को कभी भी स्थापित नहीं करनी चाहिए। इससे आपको देवी-देवताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
  • एक बार जिस स्थान पर कलश को स्थापित कर दिया, तो 9 दिनों तक उसे अपनी जगह से गलती से भी न हटाएं।
  • कलश स्थापना के दौरान गंदे पानी और काली मिट्टी का इस्तेमाल न करें।
  • जो लोग अपने घर में घट की स्थापना करते हैं या नवरात्रि के व्रत रखते हैं, उन्हें दिन में सोना नहीं चाहिए। इसके अलावा 9 दिनों तक घर को खाली नहीं छोड़ना चाहिए। परिवार का कोई न कोई सदस्य घर में जरूर होना चाहिए। नहीं तो इससे घर में अशांति फैल सकती है।
  • अगर आपने भी घर में घट को स्थापित किया है, तो 9 दिनों तक घर में न तो तामसिक भोजन बनाएं और न ही घर से बाहर उसका सेवन करें। इसके अलावा शारीरिक संबंध भी न बनाएं। नहीं तो इससे नवदुर्गा नाराज हो सकती हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यता और ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

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