डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
Guru Purnima पर इन 3 उपायों से मिलेगा गुरु दोष से छुटकारा, जानें तिथि और महत्व
Guru Purnima 2024: गुरु जीवन में अमूल्य रत्न हैं। वे ज्ञान, मार्गदर्शन, प्रेरणा और सामाजिक मूल्यों का स्रोत हैं। वे गुरु ही हैं, जो व्यक्ति के अज्ञान के अंधकार को खत्म कर ज्ञान के प्रकशित मार्ग पर चलना सिखाते हैं। इसलिए सनातन संस्कृति में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर रखा गया है और आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि गुरु को समर्पित किया गया है। आइए जानते हैं, गुरु पूर्णिमा कब है, इस दिन क्या करना चाहिए और यदि कुंडली में गुरु दोष है, तो क्या उपाय करने से लाभ होगा?
गुरु पूर्णिमा का इतिहास
गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं, क्योंकि इस दिन हिंदू धर्म के आदि गुरु माने जाने वाले वेद व्यास का जन्म हुआ था। गुरु पूर्णिमा को ही भगवान ने अपने गुरु सांदीपनि से ज्ञान प्राप्त करना आरंभ किया था। कहते हैं, सांदीपनि मुनि ने भगवान श्रीकृष्ण को 64 कलाओं की शिक्षा देकर परिपूर्ण बनाया था। वहीं, इस तिथि को ही भगवान बुद्ध ने भी सारनाथ में अपने प्रथम पांच शिष्यों को प्रथम उपदेश दिया था, जिसे 'धर्मचक्र-प्रवर्तन' कहा जाता है।
गुरु पूर्णिमा 2024 कब है?
साल 2024 में आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि 21 जुलाई को पड़ रही है, जब गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। भारत में गुरु पूर्णिमा अपने आध्यात्मिक गुरु के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज और उच्च शैक्षणिक संस्थानों के गुरुओं के सम्मान में मनाया जाने वाला पर्व है। इस आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत शनिवार 20 जुलाई शाम 5 बजकर 59 मिनट से आरंभ होगी, जो रविवार 21 जुलाई को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट समाप्त पर होगी।
बृहस्पति दोष दूर करने के उपाय
गुरु पूर्णिमा की तिथि बृहस्पति यानी गुरु दोष को दूर करने एक उपायों के लिए एक बढ़िया दिन माना गया है। इस दिन आप अपनी श्रद्धा और सम्मान अपने गुरु के प्रति प्रदर्शित कर बृहस्पति ग्रह को प्रसन्न कर सकते हैं।
अपने जीवन बृहस्पति ग्रह की कृपा बरसाने के लिए अपने गुरुजनों का पांव छूकर आशीर्वाद लें। उन्हें अपनी वस्त्र, अध्ययन सामग्री और मिठाई भेंट करें। इस उपाय से आप अपने विवेक से सोच-विचारकर काम करेंगे और जीवन में सफल होंगे।
गुरु पूर्णिमा दिन यदि गुरुजनों के पास नहीं जा सकते हैं, तो पीपल और बरगद वृक्ष की पूजा करें। गाय को गुड और रोटी खिलाएं। यदि संभव हो तो ब्राह्मण को मीठा भोजन करवाएं। ज्योतिष मान्यता के अनुसार इससे जीवन से बृहस्पति बाधा दूर हो जाती है।
ये भी पढ़ें: हर 12 साल में सीधे शिवलिंग पर गिरती है इंद्र के वज्र की बिजली, टूटकर फिर जुड़ जाते हैं महादेव
ये भी पढ़ें: पांव में धंसा तीर, सुन्न पड़ गया शरीर…इस रहस्यमय तरीके से हुई भगवान कृष्ण की मृत्यु!