whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

Hindu Mythology: हरिद्वार के पास यहां है भगवान शिव का पहला ससुराल, साल में एक महीने यहीं निवास करते हैं महादेव

Hindu Mythology: हिन्दू धर्म में भगवान शिव की स्तुति देवता भी करते हैं, क्योंकि वे देवाधिदेव महादेव हैं। आइए जानते हैं, त्रिमूर्ति में शामिल भगवान शिव का देवी सती के साथ विवाह से जुड़ी कुछ खास और रोचक बातें।
10:44 AM Nov 25, 2024 IST | Shyam Nandan
hindu mythology  हरिद्वार के पास यहां है भगवान शिव का पहला ससुराल  साल में एक महीने यहीं निवास करते हैं महादेव

Hindu Mythology: हिन्दू धर्म में भगवान शिव बहुत महत्वपूर्ण देवता हैं। वे हिन्दू त्रिमूर्ति में शामिल हैं और संहारक के रूप में जाने जाते हैं। वहीं शैव परंपरा में, महादेव शिव ब्रह्मांड का निर्माण, संरक्षण और परिवर्तन करते हैं, इसलिए वे महाकाल भी कहलाते हैं, जिसका मतलब है समय। भगवान शिव न केवल आध्यात्मिकता और समृद्धि के संचारक हैं, बल्कि वे भौतिक बदलाव के भी प्रतीक हैं। इसलिए देवताओं के भी देवता हैं।

Advertisement

ऐसे हुआ भगवान शिव का विवाह

हिन्दू धर्म ग्रंथों और पुराणों में बताया गया है कि भगवान शिव की पहला विवाह आदिशक्ति देवी सती के साथ हुआ था। वे राजा प्रजापति दक्ष की पुत्री थीं। सती के विवाह के लिए राजा दक्ष ने ब्रह्मा जी से सलाह लिया था। ब्रह्मा जी ने कहा कि सती आदिशक्ति हैं और शिव आदिपुरुष हैं, इसलिए सती का विवाह शिव से ही होना उचित है।

ये भी पढ़ें: Vastu Shastra: इन 5 पक्षियों की फोटो लगाने से होता है घर में ज्ञान और समृद्धि वास, पैसों से भरी रहती है तिजोरी!

Advertisement

राजा दक्ष को भगवान शिव पसंद नहीं थी, इसलिए उन्होंने सती के स्वयंवर का निमंत्रण भगवान शिव को नहीं भेजा। उधर देवी सती ने मन ही मन में भगवान शिव को अपना पति मान लिया था। सती ने स्वयंवर में भगवान शिव की कल्पना कर पृथ्वी पर वरमाला डाल दी। तभी महादेव ने वहां प्रगट होकर सती के द्वारा डाली गई वरमाला को पहन लिया। ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु के समझाने पर राजा दक्ष ने इस विवाह को स्वीकार कर लिया, लेकिन वे खुश नहीं थे। आइए जानते हैं, महादेव भगवान शिव का ससुराल कहां था और इससे जुड़ी हिन्दू धर्म की कुछ रोचक बातें।

Advertisement

हरिद्वार के पास यहां है भगवान शिव का ससुराल

शिव पुराण में उल्लेख मिलता है कि राजा दक्ष ने कनखल को अपनी राजधानी बनाई थी। देवी सती का स्वयंवर यहीं पर आयोजित किया गया था। इसलिए कनखल को भगवान शिव का ससुराल माना जाता है। कहते हैं कि कनखल में स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर ही वह स्थान है, जहां सती और शिव का विवाह हुआ था। यह मंदिर हरिद्वार से कुछ किलोमीटर दूर है।

मान्यता है कि भगवान शिव सावन के महीने में अपने ससुराल कनखल में निवास करते हैं। यह परंपरा आज भी कायम है और पूरी निष्ठा के साथ यहां निभाई जाती है। दक्षेश्वर महादेव मंदिर के शिवजी का दामाद के रूप में सेवा की जाती है।

कनखल में ही हुआ था सती दाह

कहा जाता है कि कनखल में ही राजा दक्ष ने एक बड़े यज्ञ का आयोजन किया था। उन्होंने इस यज्ञ में भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया था। एक बेटी होने के नाते माता सती यज्ञ में बिना बुलाए पहुच गईं। उनके वहां आने पर राजा दक्ष ने शिव के प्रति अपशब्दों का इस्तेमाल किया। माता सती अपने पति भगवान शिव का अपमान सहन नहीं कर पाईं और यज्ञ की अग्नि में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए। मान्यता है कि जिस यज्ञ कुंड में माता सती ने प्राण त्याग किए थे, वह आज भी मंदिर में अपने स्थान पर है।

ये भी पढ़ें: Numerology: 25 से 45 की उम्र में धन का अंबार लगा देते हैं इन 3 तारीखों में जन्मे लोग, इनमें कहीं आप भी तो नहीं!

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो