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Holika Dahan 2024: होलिका पर लगभग 15 घंटे तक रहेगा भद्रा का साया, इस समय करें होलिका दहन

Holika Dahan 2024: होली के ठीक एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। मान्यता है कि होलिका दहन कभी भी भद्रा रहित काल में करना चाहिए। बता दें कि होलिका दहन यानी 24 मार्च को काफी समय तक भद्रा काल रहने वाला है। तो आखिरकार होलिका दहन कब कर सकते हैं। आइए इस खबर में होलिका दहन और भद्रा काल के बारे में विस्तार से जानते हैं।
02:30 PM Mar 20, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
holika dahan 2024  होलिका पर लगभग 15 घंटे तक रहेगा भद्रा का साया  इस समय करें होलिका दहन

Holika Dahan Date Time: वैदिक पंचांग के अनुसार, होली का त्योहार प्रत्येक साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। वहीं रंगोत्सव चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन रंग और गुलाल से होली खेली जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, होलिका दहन वाले दिन बुराई पर अच्छाई की जीत मानी जाती है। बता दें कि होलिका दहन पर चंद्रग्रहण के साथ ही भद्रकाल का साया भी रहने वाला है। ज्योतिषियों के अनुसार, साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण लगभग 100 साल बाद लगने वाला है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि होलिका दहन के दिन किस शुभ मुहूर्त में होलिका जला सकते हैं।

होलिका दहन कब

वैदिक पंचांग के अनुसार, होलिका दहन 24 मार्च 2024 को किया जाएगा। बता दें कि 24 मार्च को पूर्णिमा तिथि की शुरुआत हो रही है। पूर्णिमा तिथि का शुभ मुहूर्त 9 बजकर 54 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, होलिका दहन कभी भी भद्रा रहित मुहूर्त में किया जाता है।

होलिका दहन के दिन भद्रा का साया

हिंदू पंचांग के अनुसार, होलिका दहन के दिन भद्रा का साया रहने वाला है। बता दें कि 24 मार्च को पूर्णिमा तिथि में भद्रा का साया आरंभ होगा। भद्रा का समय 9 बजकर 54 मिनट से लेकर रात्रि के 11 बजकर 13 मिनट तक है। ऐसे में होलिका दहन के दिन लगभग 15 घंटे तक भद्रा काल रहेगा। भद्रा काल में होलिका दहन नहीं किया जाता है। इसलिए भद्रा का साया खत्म होने के बाद ही होलिका दहन किया जाएगा।

इस समय करें होलिका दहन

वैदिक पंचांग के अनुसार, होलिका दहन वाले दिन भद्रा काल की समाप्ति 11 बजकर 13 मिनट पर होगी। पंचांग के अनुसार, होलिका दहन 11 बजकर 13 मिनट लेकर मध्य रात्रि 12 बजकर 20 मिनट के बीच में कर सकते हैं। क्योंकि होलिका दहन कभी भी भद्र रहित मुहूर्त में भी किया जाता है। मान्यता है कि भद्रा रहित काल में होलिका दहन करना बेहद ही शुभ होता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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