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घर के पिलर हैं सुख, समृद्धि और सौभाग्य के स्तंभ, भूल से भी न करें ये गलतियां

Home Pillars Vastu Tips: घर के पिलर यानी स्तंभ केवल घर को ही नहीं बल्कि आपके जीवन को भी मजबूती देते हैं और सुख, समृद्धि और सौभाग्य के स्तंभ सिद्ध होते हैं। आइए जानते हैं, घर के पिलर से जुड़े वास्तु नियम।
02:12 PM Jun 08, 2024 IST | Shyam Nandan
घर के पिलर हैं सुख  समृद्धि और सौभाग्य के स्तंभ  भूल से भी न करें ये गलतियां

Home Pillars Vastu Tips: कहावत है कि घर की बुनियाद जितनी गहरी होती है, घर उतना मजबूत होता है। यह बात घर के पिलर यानी स्तंभ पर भी लागू होती है। घर के पिलर्स के मजबूत होने से घर पीढ़ी-दर-पीढ़ी टिके रहते हैं। ये घर की आर्किटेक्चर और सिविल इंजीनियरिंग की बात है। यहां चर्चा घर के पिलर की वास्तु सिद्धांतों और नियमों की है। इस शास्त्र के मुताबिक घर के पिलर्स महज पिलर नहीं बल्कि सुख, समृद्धि और सौभाग्य के स्तंभ हैं, जो घर को ही नहीं बल्कि जिंदगी को भी स्थायित्व देते हैं और खुशहाल बनाते हैं। आइए जानते हैं, घर के पिलर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण और जरूरी वास्तु टिप्स।

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घर में पिलर की संख्या

घर या मकान बनवाते समय हर किसी के मन में यह विचार आता है कि पिलर की संख्या कितनी होनी चाहिए? आर्किटेक्चर के अनुसार, इसका निर्धारण भवन के भार, संरचना यानी बनावट और उपयोग किए गए निर्माण सामग्री के मुताबिक होता है। लेकिन वास्तु शास्त्र केवल संख्या के बारे में बताता है। इस शास्त्र के अनुसार, घर का आकार और बनावट चाहे जैसी हो, इसमें पिलर की संख्या हमेशा इवन यानी सम (Even) होनी चाहिए। घर में विषम संख्या में पिलर अशुभ माने गए हैं। वास्तु नियम के अनुसार, सामान्य भवनों के लिए 2, 4, 6 और 8 पिलर शुभ होते हैं। संस्थानों और व्यावसायिक भवनों के पिलर इससे अधिक हो सकते हैं। बता दें कि 1, 9, और 10 पिलर संख्या वाले भवन बहुत अशुभ माने जाते हैं।

पिलर की स्थिति और दिशा

वास्तु सिद्धांतों के मुताबिक, पिलर को पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण दिशा में लगाने से घर का वास्तु संतुलित रहता है। घर के केंद्र, जिसे वास्तु शास्त्र में ब्रह्म स्थान कहते हैं, में भूल से भी पिलर नहीं बनवाना चाहिए। यह गंभीर वास्तु दोष माना गया है। इसलिए यह गलती नहीं करनी चाहिए। यह व्यवसाय, धन, शिक्षा पर नकारात्मक असर डालता है। साथ ही, पिलर को हमेशा खिड़कियों और दरवाजों से दूर रखना चाहिए।

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पिलर का आकार

वास्तु शास्त्र में भवन के पिलर के आकार के बारे में बताया गया है। इस शास्त्र के मुताबिक, मुख्य प्रवेश द्वार को छोड़कर घर के सभी पिलर्स एक समान आकार के होने चाहिए। स्क्वायर यानी वर्गाकार पिलर सबसे बढ़िया होते हैं। ये परिवार में समृद्धि को बढ़ाने में सहायक होते हैं। आयताकार पिलर भी शुभ होता है। मेन गेट और बरामदा को छोड़ कर मकान में गोल आकार के पिलर का उपयोग नहीं करना चाहिए। घर में अनियमित आकर के पिलर होने से परिवार में एकता का अभाव होता होता है। इससे फैमिली मेम्बर्स में झगड़े हो सकते हैं। घर के पिलर से जुड़ी एक वास्तु नियम यह भी जान लें कि पिलर हमेशा चिकनी और समतल होनी चाहिए, खुरदरी या असमान सतह वाले पिलर अशुभ होते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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