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Neem Karoli Baba: नीम करौली बाबा ने कैसे बचाई एक सैनिक की जिंदगी? इसलिए आज भी चढ़ाया जाता है कंबल!

Neem Karoli Baba: नीम करौली बाबा को हनुमान जी का भक्त माना जाता है। आज कैंची धाम में नीम करौली बाबा को हनुमान जी के साथ पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि बाबा को दिव्य शक्ति प्राप्त थी। अपने दिव्य शक्ति से उन्होंने एक सैनिक की जान भी बचाई थी।
08:15 PM Sep 24, 2024 IST | Nishit Mishra
neem karoli baba  नीम करौली बाबा ने कैसे बचाई एक सैनिक की जिंदगी  इसलिए आज भी चढ़ाया जाता है कंबल

Neem Karoli Baba: नीम करौली बाबा के दुनिया भर में भक्त है। ऐसा माना जाता है कि एप्पल कंपनी के फाउंडर स्टीव जॉब्स और फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग भी बाबा के भक्त हैं। बाबा के आशीर्वाद से ही इन लोगों ने इतनी तरक्की की है। इस लेख में बाबा से जुड़े एक ऐसे चमत्कार के बारे में जानेंगे जिसमें उन्होंने घर बैठे ही एक सैनिक को शत्रुओं की गोली से बचा लिया था।

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बाबा का चमत्कार 

एक बुजुर्ग पति-पत्नी, नीम करौली बाबा के भक्त हुआ करते थे। वे दोनों फतेहगढ़ में रहा करते थे। एक दिन बाबा उसके घर पहुंचे और पति-पत्नी से बोले आज रात मैं आप लोगों के घर ही आराम करूंगा। बाबा को देखकर पति-पत्नी बहुत खुश हुए लेकिन गरीब होने के कारण मन ही मन सोचने लगे, हम बाबा का आदर-सत्कार कैसे करेंगे? फिर उन्होंने किसी तरह बाबा के लिए रात के भोजन का इंतजाम किया। बाबा के खाने के बाद उन्होंने बाबा को चारपाई पर सुलाया और एक कंबल ओढ़ने को दिया। वे दोनों पति पत्नी चारपाई के पास ही फर्श पर चटाई बिछाकर सो गए।

बाबा को लगी गोली 

जब रात अधिक हुई तो बाबा सोते हुए ऐसे कराहने लगे मानो कोई उन्हें जोर जोर से मार रहा हो। फिर भी बाबा किसी तरह कंबल ओढ़े ही सो गए और जब सुबह हुई तो उन्होंने वो कंबल लपेटकर पति पत्नी को देते हुए कहा, जाओ इसे बिना खोले गंगा में प्रवाहित कर आओ। जब पति-पत्नी ने कंबल को उठाया तो वो काफी भारी था। वे दोनो मन ही मन सोचने लगे हमने तो रात में बाबा को खाली कंबल दिया था, ये इतना भारी कैसे हो गया? फिर उन दोनों ने कंबल को बिना खोले ही गंगा में प्रवाहित आए। उसके बाद बाबा फतेहगढ़ से कहीं और चले गए।

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बेटा जिन्दा लौट आया 

करीब एक महीने के बाद उस दंपति का बेटा घर लौटा, जो उस समय अंग्रेजों की सेना में कार्यरत था। जिस समय नीम करौली बाबा उस दंपति के घर आये थे उस समय द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था और दंपति का बेटा बर्मा(म्यान्मार) में तैनात था। घर आकर बेटे ने अपने माता-पिता को बताया कि एक महीना पहले एक रात दुश्मनों  की सेना ने मेरे पूरे बटालियन को घेर लिया था। रात भर दुश्मनों की ओर से गोलीबारी होती रही, उस गोलीबारी में मेरे सारे साथी मारे गए परन्तु मैं कैसे बच गया ये समझ नहीं आया। सबसे हैरान करनेवाली बात यह है कि मुझे एक भी गोली नहीं लगी। ये वही रात थी जिस रात नीम करौली बाबा उस दंपति के घर रुके हुए थे और पूरी रात सोते हुए कराह रहे थे। बेटे की बातें सुनकर पति-पत्नी समझ गए कि आखिर बाबा उस रात सोते हुए क्यों कराह रहे थे? और वो कंबल सुबह इतना भारी क्यों हो गया था? इसी मान्यता के कारण आज भी भक्त बाबा के कैंची धाम आश्रम में कंबल चढ़ाते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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