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Masik Shivratri 2024: ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि कब, जानें शुभ तिथि व महत्व

Masik Shivratri 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। मान्यता है कि भगवान शिव मासिक शिवरात्रि के दिन पहली बार शिवलिंग का रूप धारण किए थे। तो आज इस खबर में जानेंगे कि ज्येष्ठ माह में मासिक शिवरात्रि कब है, पूजा का शुभ समय क्या है और महत्व क्या है।
11:11 AM May 25, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
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Jyeshtha Masik Shivratri 2024: देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए हर माह में एक खास दिन आता है, जिसका नाम मासिक शिवरात्रि है। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो लोग विधि-विधान के साथ सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करते हैं उन्हें सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती हैं। साथ ही भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।

वैदिक पंचांग के अनुसार, मासिक शिवरात्रि का पर्व प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि मासिक शिवरात्रि कब है, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व क्या है।

कब है मासिक शिवरात्रि

वैदिक पंचांग के अनुसार, मासिक शिवरात्रि ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस बार ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि 4 जून को मनाई जाएगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि के दिन माता लक्ष्मी, इंद्राणी, सरस्वती, गायत्री, सीता, पार्वती और रति ने व्रत किया था। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन सुखमय रहता है।

मासिक शिवरात्रि शुभ तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि 4 जून को मनाई जाएगी, क्योंकि ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 4 जून को रात 10 बजकर 1 मिनट पर हो रही है और समाप्ति अगले दिन यानी 5 जून 2024 को रात 7 बजकर 54 मिनट पर होगी। ज्योतिषियों के अनुसार, मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा रात्रि में की जाती है। इसलिए मासिक शिवरात्रि 4 जून 2024 को मनाई जाएगी।

पूजा का मुहूर्त

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने का शुभ मुहूर्त रात्रि के 11 बजकर 59 मिनट से लेकर 12 बजकर 40 मिनट तक है। इस शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करने का अगल ही महत्व है।

मासिक शिवरात्रि का क्या है महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि का व्रत भगवान भोलेनाथ को बेहद ही प्रिय है, क्योंकि इस दिन कृष्ण चतुर्दशी के दिन ही माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव पहली बार शिवलिंग का रूप धारण किया था।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक शिवरात्रि की रात में शिवलिंग के स्पर्श मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि के दिन रात्रि में भगवान शिव और माता पर्वती दोनों एक साथ शिवलिंग में वास करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन शिवलिंग स्पर्श करने से रोग-दुख से मुक्ति मिलती है। साथ ही वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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