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Kaal Bhairav Jayanti: ये 3 सरल उपाय दिलाएंगे शनि की साढ़े साती से लेकर कालसर्प दोष से मुक्ति!

Kaal Bhairav Jayanti: काल भैरव जयंती के अवसर पर राहु-केतु, शनि साढ़े साती से लेकर कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए आप सरल उपाय अपना सकते हैं, आइए जानते हैं वो उपाय कौन से हैं?
12:28 PM Nov 20, 2024 IST | Simran Singh
kaal bhairav jayanti  ये 3 सरल उपाय दिलाएंगे शनि की साढ़े साती से लेकर कालसर्प दोष से मुक्ति
काल भैरव जयंती 2024

Kaal Bhairav Jayanti Upay: क्या आप भी शनि की साढ़े साती से परेशान हैं? राहु-केतु के दोष से आपके काम भी बिगड़ते चले जा रहे हैं? आप पर भी कालसर्प दोष है? अगर हां, तो इन सभी दोष और जिंदगी से नकारात्मकता को दूर करने वाला दिन आ चुका है। जी हां, नेगेटिविटी दूर करने वाला दिन काल भैरव जयंती है, जो इस साल शाम 6 बजकर 7 मिनट पर शुरू है और इस दिन का समापन अगले दिन 23 नवंबर को शाम 7 बजकर 56 मिनट पर होगा।

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ये समय आपके लिए उत्तम साबित हो सकता है। काल भैरव जयंती के अवसर पर आप कुछ सरल उपाय को अपनाकर शनि की साढ़ेसाती, राहु-केतु दोष, कालसर्प दोष आदि से मुक्ति पा सकते हैं। आइए जानते हैं कि काल भैरव जयंती के दिन कौन से उपाय अपनाने फलदायी रहेंगे?

काल भैरव जयंती पर रखें व्रत

भगवान शिव का रूद्र रूप काल भैरव माना जाता है। मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति काल भैरव जयंती के दिन व्रत व पूजा-अर्चना करता है उस पर शिव जी की खास कृपा होती है। नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति और मन से भय, क्रोध और लालसा भी दूर होती है। 22 नवंबर, शुक्रवार को काल भैरव जयंती है और आप इस दिन सुबह जल्द उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प ले सकते हैं। पूजा-अर्चना के लिए भगवान शिव या काल भैरव के मंदिर जा सकते हैं।

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उपवास के साथ-साथ काल भैरव वरद स्तोत्र का पाठ भी करें। साथ ही इस दिन उपाय करना भी फलदायी रहेगा। आप फलाहारी या निर्जला व्रत रख सकते हैं। अगले दिन सुबह स्नान आदि के बाद भगवान की पूजा-अर्चना करने के बाद अपना व्रत खोल सकते हैं।

काल भैरव जयंती पर करें ये 3 उपाय

राहु-केतु, शनि साढ़े साती से लेकर कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए आप काल भैरव जयंती पर कुछ सरल उपाय कर सकते हैं। अगर आप इस दिन व्रत नहीं रख रहे हैं तो सुबह उठकर पूजा-अर्चना कर लें और फिर भगवान शिव का ध्यान करें। मंत्रों का जाप काल भैरव वरद स्तोत्र का जाप कर सकते हैं।

  1. काल भैरव जयंती पर नींबू की माला बनाकर काल भैरव को चढ़ाएं।
  2. काल भैरव को मीठा प्रसाद इमरती या कोई अन्य मिठाई चढ़ा सकते हैं।
  3. काल भैरव जयंती के दिन दान-पुण्य करना भी फलदायी है। नारियल का दान उत्तम माना गया है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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