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Kaalchakra: आरती के 5 अंग दूर करेंगे 12 राशियों के कष्ट! पंडित सुरेश पांडेय से जानें सही तरीका

Kaalchakra News24 Today: प्रत्येक भगवान की पूजा करने के बाद उनकी आरती की जाती है। आरती के बिना देवी-देवताओं की उपासना को अधूरा माना जाता है। चलिए पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं आरती के महत्व और सही तरीके के बारे में।  
11:34 AM Dec 09, 2024 IST | Nidhi Jain
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सही विधि से आरती करेंगे तो जागेगा भाग्य!

Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: सनातन धर्म में आरती का विशेष महत्व है। पूजा-पाठ, यज्ञ और अनुष्ठान आदि के अंत में देवी-देवताओं की आरती की जाती है। आरती के लिए एक थाल में ज्योति और कुछ खास चीजों को रखकर भगवान के सामने घुमाया जाता है। आरती की थाली में हर एक चीज को रखने का अलग महत्व है।

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माना जाता है कि जो लोग सच्चे मन से देवी-देवताओं की आरती करते हैं, उनके सभी दुख-दर्द भगवान हर लेते हैं। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको आरती के सही तरीके आदि के बारे में बताने जा रहे हैं।

आरती के कितने अंग हैं?

पद्मपुराण में आरती के पांच अंग बताए गए हैं। पहला दीपमाला से, दूसरा जलयुक्त शंख से, तीसरा धुले हुए कपड़े से, चौथा आम-पीपल के पत्तों से और पांचवां साष्टांग दंडवत से है।

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आरती का महत्व

देवी-देवताओं की आरती 5 बत्तियों वाले दीपक से करनी चाहिए, जिसे पंच प्रदीप कहा जाता है। भगवान की आरती करने से लौ से तत्व आवृत्तियां उत्पन्न होती हैं, जो धीरे-धीरे राजस आवृत्तियों से परिवर्तित होती हैं। ये आवृत्तियां आरती करने वाले की आत्मा के चारों ओर सुरक्षा कवच बनाती हैं, जिसे तरंगकवच कहते हैं। आरती करने वाला व्यक्ति जितनी श्रद्धा से आरती करेगा, ये कवच उतना ही मजबूत होता जाएगा।

मंदिर में 5, 7, 11 बत्ती वाला दीपक जलाकर आरती करनी चाहिए। घर पर एक बत्ती वाले दीपक से आरती कर सकते हैं। घर में अगर एक से ज्यादा बत्ती वाले दीपक से आरती करते हैं, तो विषय संख्या में बत्तियों होनी चाहिए। एक दिन में एक बार से लेकर पांच बार तक आरती की जा सकती है। मंदिर में पांच बार आरती करना शुभ माना जाता है।

किस भगवान की कितनी बार आरती करें?

अलग-अलग देवी-देवताओं के सामने अलग-अलग संख्या में आरती करनी चाहिए।

  • भगवान विष्णु के सामने 12 बार आरती घुमाएं।
  • भगवान शिव की तीन या पांच बार आरती करनी चाहिए।
  • सूर्यनारायण के सामने सात बार आरती घुमाएं।
  • गणेश जी की चार, भगवान रूद्र की 14 बार और बाकी किसी भी भगवान की सात बार आरती कर सकते हैं।

आरती करने का सही तरीका

  • सबसे पहले भगवान गणेश की आरती करें।
  • भगवान की आरती करते समय 'ऊँ' की आकृति बनाने का प्रयास करें।
  • गणेश जी के बाद अन्य देवी-देवताओं की आरती करें।
  • आरती के अंत में 'ऊँ जय जगदीश हरे' जरूर बोलें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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