Kaalchakra: कार्तिक माह समेत 12 महीने क्या करें, क्या नहीं? पंडित सुरेश पांडेय से जानें उपाय
Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन या श्रावण, भादो या भाद्रपद, आश्विन या क्वार, कार्तिक, अगहन या मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन 12 महीने होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इन सभी माह का अपना महत्व और मान्यता है। प्रत्येक माह में कुछ कामों को करने की मनाही होती है। यदि आप गलती से वो काम कर लेते हैं, तो इससे आपको मानसिक, शारीरिक और आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ता है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस समय कार्तिक माह चल रहा है। इस साल कार्तिक माह का आरंभ 23 अक्टूबर से हो गया है, जिसका समापन 21 नवंबर को होगा। कार्तिक माह के बाद मार्गशीर्ष मास और पौष मास आएगा। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको 12 महीनों से जुड़े नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं।
कार्तिक माह
- कार्तिक माह में भगवान विष्णु जल में निवास करते हैं। इस दौरान दीपदान करने से सभी संकट खत्म होते हैं।
- मान्यता है कि इस मास में तुलसी की पूजा करने से सौगुना लाभ मिलता है।
- कार्तिक माह में गंगा स्नान, दान, हवन और यक्ष करने से पापों का नाश होता है।
- कार्तिक में कृतिका और मघा शून्य नक्षत्र हैं। इनमें शुभ कार्य करने से धन हानि होती है।
- कृष्ण पक्ष की पंचमी और शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी मास शून्य तिथि हैं। इन तिथियों में भी शुभ काम नहीं करने चाहिए।
- कार्तिक माह में तिल, भोजन, कपड़े और दीप का दान जरूर करना चाहिए। इसके अलावा इस दौरान कद्दू, बैंगन और प्याज-लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए।
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मार्गशीर्ष मास
- मार्गशीर्ष मास के दौरान भगवान कृष्ण की उपासना की जाती है। इसके अलावा विष्णु सहस्त्रनाम, भगवत गीता, गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ करना शुभ माना जाता है।
- मार्गशीर्ष मास में संध्या पूजन जरूर करना चाहिए।
- इस मास में चंद्रमा से अमृत तत्व की प्राप्ति होती है। इस दौरान कीर्तन जरूर करना चाहिए।
- मार्गशीर्ष मास में जीरे का सेवन नहीं करना चाहिए।
- मार्गशीर्ष मास की एकादशी, द्वादशी का व्रत करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
- इस मास में तुलसी के पत्ते पानी नें डालकर स्नान करने से लाभ मिलता है।
पौष मास
- पौष मास में सूर्य देव की उपासना करने से लाभ मिलता है। खासतौर पर उत्तम सेहत की प्राप्ति होती है।
- जिन लोगों की कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर होती है, उन्हें पौष मास के दौरान सूर्य को जल जरूर चढ़ाना चाहिए। इससे आपको सूर्य के समान तेज, बल, यश, कीर्ति और धन की प्राप्ति होगी।
- पौष मास में कंबल, गर्म कपड़े, गुड़ और तिल का दान करना चाहिए। इसके अलावा पितरों का तर्पण और पिंडदान करना भी शुभ माना जाता है।
- इस दौरान कोई नया काम शुरू नहीं करना चाहिए।
अन्य 9 माह से जुड़े नियम और महत्व के बारे में यदि आप जानना चाहते हैं, तो इसके लिए ये वीडियो जरूर देखें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।