होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Kaalchakra: शादी से पहले गुण मिलाना क्यों जरूरी? पंडित सुरेश पांडेय से जानें रहस्य

Kaalchakra News24 Today: बच्चों की शादी करने से पहले ज्यादातर माता-पिता वर-वधु की कुंडली मिलवाते हैं। यदि उनके गुण मिल जाते हैं, तो उसके बाद ही उनकी शादी की जाती है। आज पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि शादी के लिए क्या गुण मिलाना जरूरी होता है और इसका कितना प्रभाव मैरिड लाइफ पर पड़ता है।
10:54 AM Oct 25, 2024 IST | Nidhi Jain
Advertisement

Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: विवाह को एक नए जीवन की शुरुआत माना जाता है। शादी दो लोगों को साथ में बांधने का काम करती है। शादी के बंधन में बंधने के बाद दो लोग साथ में रहने के साथ-साथ एक दूसरे से अपने सुख-दुख बांटते हैं। भविष्य के लिए योजनाएं बनाते हैं और अपने वंश को आगे बढ़ाते हैं।
सनातन धर्म के लोगों के लिए विवाह का खास महत्व है।

Advertisement

हालांकि विवाह करने से पहले ज्यादातर लोग वर-वधु की कुंडली मिलवाते हैं। कुंडली की मदद से देखा जाता है कि वर-वधु के कितने गुण मिल रहे हैं। यदि वर-वधु के 18 से ज्यादा गुण मिलते हैं, तो ये उनकी शादी के लिए अच्छा माना जाता है। लेकिन गुण मिलना क्या हैप्पी मैरिड लाइफ की गारंटी है? आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि शादी के लिए कौन-कौन से गुण का मिलना जरूरी होता है और उसका मैरिड लाइफ पर कैसा प्रभाव पड़ता है।

कितने गुण होते हैं?

गुण मिलान में वर्ण, वश्य, तारा, योनि, ग्रह, मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी का मिलन होता है। सभी 8 श्रेणियों को 1 से 8 तक गुण दिए गए हैं। इनके आधार पर 36 गुण होते हैं।

वर्ण- लड़का और लड़की की मानसिक अनुकूलता पर प्रकाश डालता है।

Advertisement

वश्य- लड़का या लकड़ी में से कौन प्रभावी और नियंत्रण करने वाला होगा पर प्रकाश डालता है।

ये भी पढ़ें- Sun Transit 2024: धनतेरस के बाद अमीर बन सकती हैं ये 3 राशियां! सूर्य करेंगे राशि परिवर्तन

तारा- तारा का संबंध लड़का-लड़की के भाग्य से होता है।

योनि- इसी के अनुसार व्यक्ति का मानसिक स्तर बनता है।

गृह मैत्री- भावी दंपत्ति के बीच बौद्धिक और मानसिक संबंध को दर्शाता है।

गण- गण का संबंध व्यक्ति की सामाजिक स्थिति को दर्शाता है।

भकूट- भकूट का संबंध जीवन या आयु से होता है। विवाह के बाद वर-वधु का साथ कितना रहेगा, ये भकूट निर्धारित करता है।

नाड़ी- नाड़ी का संबंध संतान से है। ये अंतिम गुण है।

पंडित सुरेश पांडेय का मानना है विवाह में साझेदारी बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अलावा कपल के बीच सामाजिक स्तर में मेल होना आवश्यक है। इससे आपसी प्रेम भाव बढ़ता है। वहीं जब गुण मिल जाते हैं, तो इससे मैरिड लाइफ के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।

मंगल दोष के बारे में यदि आप जानना चाहते हैं, तो इसके लिए ये वीडियो जरूर देखें।

ये भी पढ़ें- Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा पर 12 राशियों की चमकेगी किस्मत! राशि अनुसार लगाएं श्रीकृष्ण को भोग

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App
Advertisement
Tags :
Astrologyjanam kundali milankaalchakraKaalchakra news24Kaalchakra todayPandit Suresh Pandey
Advertisement
Advertisement