Kaalchakra Today: सावन में इन 5 दिन रुद्राभिषेक करना पड़ सकता है भारी, पंडित सुरेश पांडे से जानें पूजा के नियम
Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: श्रावण का महीना चल रहा है, जोकि भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दौरान महादेव के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करने से साधक को मनोवांछित वरदान मिल सकता है। सावन के पवित्र मास में रुद्राभिषेक करना शुभ होता है। भगवान रुद्र का अभिषेक करने को ही रुद्राभिषेक कहा जाता है। इसमें सबसे पहले शिवलिंग का अभिषेक करके उसे शुद्ध किया जाता है। फिर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन सावन में कुछ ऐसी तिथि हैं, जिस दिन रुद्राभिषेक करना अशुभ होता है। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको बताएंगे कि सावन में किस-किस दिन रुद्राभिषेक नहीं करना चाहिए।
रुद्राभिषेक किस चीज से करना चाहिए?
सावन के दौरान घी और शहद की पतली धार से रुद्राभिषेक करना शुभ होता है। सावन में रुद्राभिषेक करने से साधक को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही उसकी प्रत्येक मनोकामना पूरी हो सकती है।
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कब रुद्राभिषेक करना होता है शुभ?
- पंडित सुरेश पांडेय के अनुसार, किसी भी माह की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, अष्टमी और अमावस्या तिथि के दिन रुद्राभिषेक करना शुभ होता है।
- शुक्ल पक्ष की द्वितीया और नवमी तिथि के दिन भी रुद्राभिषेक किया जा सकता है।
- सावन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी और एकादशी तिथि के दिन रुद्राभिषेक करने से साधक को विशेष लाभ होता है।
- शुक्ल पक्ष की पंचमी और द्वादशी तिथि के दिन भी रुद्राभिषेक किया जा सकता है।
कब-कब रुद्राभिषेक करना है अशुभ?
- किसी भी माह की कृष्ण पक्ष की द्वितीया और नवमी तिथि के दिन रुद्राभिषेक नहीं करना चाहिए।
- शुक्ल पक्ष की तृतीया और दशमी तिथि पर रुद्राभिषेक करने से घर-परिवार में तनाव का माहौल बना रहता है।
- किसी भी मास की कृष्ण पक्ष की तृतीया और दशमी तिथि के दिन रुद्राभिषेक करने से आपके जीवन में परेशानियों का आगमन हो सकता है।
- शुक्ल पक्ष की चतुर्थी और एकादशी तिथि के दिन रुद्राभिषेक करने से घर में तनाव का माहौल बना रहता है।
- किसी भी माह की कृष्ण पक्ष की षष्ठी और त्रयोदशी तिथि के दिन रुद्राभिषेक करना शुभ नहीं होता है।
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