Kaalchakra: शनि-मंगल ने बिगाड़ा काम, सूर्य से हुए परेशान? पंडित सुरेश पांडेय से जानें उपाय
Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु 9 ग्रहों का वर्णन किया गया है। प्रत्येक ग्रह का कुंडली में विशेष महत्व है। एक निश्चित अवधि के बाद प्रत्येक ग्रह राशि और नक्षत्र परिवर्तन करते हैं, जिसके कारण 12 राशियों के जीवन में परिवर्तन आता है। हालांकि कुछ उपायों को करके प्रत्येक ग्रह को प्रसन्न किया जा सकता है।
आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि कौन-सा ग्रह किसका दाता है। साथ ही आपको उन्हें खुश करने के अचूक उपायों के बारे में भी पता चलेगा।
सूर्य ग्रह
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रह के आराध्य देव भगवान विष्णु हैं। सूर्य रोग के प्रभाव को कम करता है और अच्छी सेहत देता है। सूर्य के कारण ही दवाएं शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं और आयु की रक्षा होती है।
सूर्य को जन्म का कारक माना जाता है, जो परिवार को आगे बढ़ाता है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है, उनका आत्मविश्वास सदा मजबूत रहता है। जिन लोगों को किसी भी कारण संतान सुख नहीं मिल पा रहा है, उन्हें सूर्य देव की उपासना करनी चाहिए। सूर्य देव को नियमित रूप से जल देना चाहिए। इस उपाय से जल्द ही आपको शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है।
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मंगल ग्रह
मंगल को युद्ध और हथियारों का ग्रह माना जाता है। मंगल को बल देने के लिए 'ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम:' मंत्र का जाप करना चाहिए। इसी के साथ 'ऊँ अं अंगारकाय नम:' मंत्र का जाप करना भी शुभ रहेगा।
जो लोग नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करते हैं, उनकी कुंडली में भी मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत रहती है। वहीं जो जातक मंगलवार का व्रत करते हैं, उन्हें मंगल दोष का सामना नहीं करना पड़ता है। देवी चामुंडा, मां प्रत्यंगिरा या माता पीतांबरा की उपासना करने से भी मंगल शांत होता है।
शनि ग्रह
शनि ग्रह के आराध्य हनुमान जी और शनि देव हैं। शनि की शांति के लिए 'ऊँ शं शनैश्चराय नम:' और 'ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:' मंत्र का जाप करें। इसी के साथ शनि गायत्री मंत्र का जाप करना भी अच्छा रहेगा। शनि की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी फायदेमंद होता है।
जो लोग नियमित रूप से हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड का पाठ करते हैं, उन्हें शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा रोजाना शनि देव के 10 नामों का जाप करें। शनिवार को शिव जी का अभिषेक करें और व्रत रखें। नौमुखी या सात मुखी रुद्राक्ष धारण करें। माना जाता है कि जो लोग सच्चे मन से इन उपायों को अपनाता है, उनकी कुंडली में सदा शनि की स्थिति मजबूत रहती है।
यदि आप अन्य ग्रहों को प्रसन्न करने के उपायों के बारे में जानना चाहते हैं, तो इसके लिए ये वीडियो जरूर देखें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।