whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

सावधान! क्या आप भी पहनते हैं हाथ में कई महीनों तक कलावा? तो जान लें रक्षा सूत्र से जरूरी ये खास बातें

Kalava Tie Rules: हिन्दू धर्म में कलाई पर कलावा बांधने की परंपरा बहुत प्राचीन है। हर धार्मिक कार्य में हाथ में कलावा बांधना बहुत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं, कलाई पर कलावा बांधने का महत्व क्या है और इसे कितने दिनों तक बांधे रखना शुभ होता है?
09:05 AM Jul 06, 2024 IST | Shyam Nandan
सावधान  क्या आप भी पहनते हैं हाथ में कई महीनों तक कलावा  तो जान लें रक्षा सूत्र से जरूरी ये खास बातें

Kalava Tie Rules: सनातन धर्म में प्रायः हर धार्मिक कार्य में हाथ में कलावा जरूर बांधा जाता है। इस पवित्र धागे के कई नाम हैं, जैसे रक्षा सूत्र, मौली, राखी आदि। यह केवल लाल, नारंगी या पीले रंग का धागा मात्र नहीं है। मान्यता है कि यह एक ढाल की तरह काम करता है और इसे पहनने से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से रक्षा होती है। साथ ही यह आस्था और विश्वास में भी वृद्धि करता है। आइए जानते हैं कि कलावा या रक्षा सूत्र बांधने से क्या लाभ होते हैं, इसे बांधने के नियम क्या हैं और कितने दिनों बाद कलावे को उतार देना चाहिए?

Advertisement

द्रौपदी और श्रीकृष्ण से जुड़ी है कलावे की कथा

महाभारत के एक प्रसंग के अनुसार, एक बार गलती से जब भगवान श्रीकृष्ण की कलाई कटने से जख्मी हो गई थी, तब द्रौपदी ने खून बहने से रोकने के लिए तुरंत अपनी साड़ी का आंचल फाड़ कर कलाई पर बांध दिया था। यहां साड़ी के टुकड़े ने पवित्र धागे का काम किया था। माना जाता है कि कलाई पर ‘पवित्र धागा’ बांधे जाने की यह पहली घटना थी। इसके बदले में भगवान श्रीकृष्ण ने चीर हरण से द्रौपदी की रक्षा की थी।

कलावा बांधने से लाभ

वट सावित्री व्रत में बरगद को कलावा बांधा जाता है।

Advertisement

मान्यता है कि कलाई के नाड़ी बिंदु के पास चारों ओर कलावा बांधने से मनुष्य की शारीरिक और आध्यात्मिक शक्ति और ऊर्जा संतुलित रहती है। इसे बांधने से ध्यान और प्रार्थना में एकाग्रता बढ़ती है। रक्षा सूत्र या कलावा पहनने से जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

Advertisement

कलावा या रक्षा सूत्र बांधने के नियम

हिन्दू धर्म में कलावा या रक्षा सूत्र बांधने के नियम पुरुष और स्त्री के लिए भिन्न-भिन्न हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पुरुष को दाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए। अविवाहित लड़कियों को भी दाएं हाथ में कलावा पहनना अधिक शुभ होता है। वहीं विवाहित स्त्रियों को बाएं हाथ में कलावा बांधने से अधिक लाभ होता है। हाथ में कलावा बंधवाते समय उस हाथ की मुट्ठी बांध लेनी चाहिए। साथ ही दूसरे हाथ को सिर पर रख लिया जाता है। कलावा या रक्षा सूत्र बांधने के नियम से जुड़ी एक अहम नियम यह है कि इसे कलाई में केवल 3 बार ही लपेटना चाहिए।

कब उतार देना चाहिए कलावा

मान्यता है कि रंग उतरा हुआ कलावा बांधना अशुभ होता है। इसलिए उसे तत्काल उतार देना चाहिए। बहुत से लोग कलावे को बहुत दिनों तक पहने रहते हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, 21 दिन के बाद कलावे की सकारात्मक ऊर्जा समाप्त होने लगती है। इससे अधिक दिनों तक पहनने से कलावा बेअसर हो जाता है, यहां तक कि नकारात्मकता ही लेकर आता है। इसलिए 21 दिनों के बाद कलाई से कलावे को उतार कर बहती नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।

ये भी पढ़ें: विराट कोहली के मोबाइल में दिखी जिन बाबा की तस्वीर, जानें उनसे जुड़ी 5 खास बातें

ये भी पढ़ें: चातुर्मास में होगा इन 5 राशियों का भाग्योदय, भगवान शिव समेत ये देवी-देवता होंगे मेहरबान

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो