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Kartik Purnima 2024: मुक्ति का द्वार है कार्तिक माह! स्नान-दान के साथ 14 कोसी परिक्रमा का खास महत्व

Kartik Purnima: साल 2024 में 9 नवंबर से कार्तिक मेले का आरंभ हो रहा है, जिस दौरान 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा, स्नान-दान और व्रत रखने का खास महत्व है। आइए जानते हैं कार्तिक माह के महत्व, 14 कोसी परिक्रमा और स्नान-दान के शुभ मूहूर्त के बारे में।
04:19 PM Nov 09, 2024 IST | Nidhi Jain
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कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

Kartik Purnima 2024: हिन्दू धर्म के लोगों के लिए कार्तिक माह का विशेष महत्व है। ये महीना काफी पवित्र माना जाता है, जिस दौरान विष्णु जी की पूजा, स्नान-दान और परिक्रमा करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि के दिन गंगा स्नान और दान करने से साधक को अपने सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में खुशी, सुख-शांति, धन, वैभव और यश का वास होता है।

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कार्तिक पूर्णिमा से पहले अयोध्या में कार्तिक मेले का आयोजन किया जाता है, जिसे कार्तिक मेला कहा जाता है। इस दौरान 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा की जाती है। चलिए जानते हैं 14 कोसी परिक्रमा, पंचकोसी परिक्रमा और कार्तिक पूर्णिमा की सही तिथि के बारे में।

जानें परिक्रमा की सही तिथि

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में कार्तिक माह के दौरान मेले का आयोजन किया जाता है, जिसका आरंभ इस बार 9 नवंबर 2024 से हो रहा है। 9 नवंबर 2024 को शाम करीब 6 बजकर 32 मिनट से अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा शुरू होगी, जिसका समापन अगले दिन 10 नवंबर को होगा। 9 नवंबर के बाद 11 नवंबर 2024 को पंचकोसी परिक्रमा होगी। 14 कोसी के दौरान अयोध्या शहर की परिक्रमा की जाती है। जबकि पंचकोसी में अयोध्या क्षेत्र के साथ-साथ 84 कोसी में पूरे अवध क्षेत्र की परिक्रमा की जाती है।

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15 नवंबर 2024 को कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान भी होगा, जिस दिन मेले का समापन होगा। कहा जाता है कि हर साल बड़ी संख्या में भक्तजन 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा करने के लिए अयोध्या जाते हैं।

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कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग सच्चे मन से 14 कोसी और पंचकोसी परिक्रमा करते हैं, उन्हें पापों से मुक्ति मिलती है और मरने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं जो लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करते हैं, उन्हें मां गंगा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।

स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार 15 नवंबर 2024 को गंगा स्नान किया जाएगा। 15 नवंबर को स्नान-दान का शुभ मुहूर्त प्रात: काल 04 बजकर 58 मिनट से लेकर सुबह 05 बजकर 51 मिनट तक है। जबकि देव दीपावली की पूजा का मुहूर्त 15 नवंबर 2024 को शाम में 05 बजकर 10 मिनट से लेकर 07 बजकर 47 मिनट तक है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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