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Vishwakarma Puja 2024: भगवान विश्वकर्मा कौन हैं, जिन्होंने सोने की लंका, पुष्पक विमान समेत बनाई ये अद्भुत चीजें

Who is Lord Vishwakarma: हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को विश्व पहला अभियंता यानी इंजीनियर माना जाता है। उन्होंने ऐसी-ऐसी चीजों की रचना की थी, जिसे जानकर आप आश्चर्य में पड़ जाएंगे। आइए जानते हैं, भगवान विश्वकर्मा कौन हैं और उन्हें ‘ब्रह्माण्ड का वास्तुकार और प्रथम अभियंता’ क्यों कहा जाता है?
10:59 AM Sep 17, 2024 IST | Shyam Nandan
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Who is Lord Vishwakarma: हिंदू धर्म में मशीन, औजार, भवन संरचना यानी आर्किटेक्ट और अन्य तकनीकी आधारित वस्तुओं का देवता भगवान विश्वकर्मा को माना गया है। जीवन में इनके महत्व को देखते हुए हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है और विधिवत विश्वकर्मा पूजा की जाती है। क्या आप जानते हैं, विश्वकर्मा कौन हैं? उन्हें ‘ब्रह्माण्ड का वास्तुकार’, विश्व का पहला अभियंता यानी इंजीनियर क्यों कहते हैं और क्या-क्या अद्भुत और दिव्य चीजें बनाई हैं?

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भगवान विश्वकर्मा कौन हैं?

अधिकांश हिन्दू ग्रंथों में भगवान विश्वकर्मा को संसार के रचयिता भगवान ब्रह्मा का वंशज माना गया है। मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा के पुत्र धर्म से वास्तुदेव का जन्म हुआ था, जिन्हें शिल्प शास्त्र का आदि पुरुष माना गया है। इन्हीं वास्तुदेव की अंगिरसी नामक पत्नी से भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ।

वहीं, कुछ धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सृष्टि के प्रथम शिल्पकार माने गए भगवान विश्वकर्मा संसार के रचयिता भगवान ब्रह्मा के सातवें पुत्र हैं। साथ ही, कुछ ग्रंथों में उनको महादेव शिव का अवतार भी बताया है। मान्यता है कि उनका जन्म भादो मास में पड़ने वाली कन्या संक्रांति के दिन हुआ था, जो अक्सर 17 सितंबर को पड़ती है। इसलिए हर साल इस तारीख को विश्वकर्मा पूजा की जाती है।

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ब्रह्मांड के वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा

भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के प्रथम शिल्पकार के रूप में जाना जाता है। कहते हैं इस सृष्टि के रचनाकार ब्रह्मा जी ने इस ब्रह्मांड की रचना जरूर की है, लेकिन इसको सजाने, संवारने और सुंदर बनाने का काम भगवान विश्वकर्मा ने किया है। इस ब्रह्मांड को एक तकनीक और व्यवस्था पर संयोजित करने के कारण भगवान विश्वकर्मा को 'ब्रह्मांड का वास्तुकार' और 'विश्व का पहला अभियंता' (इंजीनियर) कहा जाता है।

भगवान विश्वकर्मा ने बनाई ये अद्भुत चीजें!

हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, यज्ञ करने के लिए उपयोग की जाने वाली वेदी और देवताओं के लिए मंदिर, देव आभूषण, दिव्य वाद्य यंत्र और वर्षा के बाद आकाश में दिखाई देने वाले इंद्रधनुष सहित अनेक चीजों के निर्माता भगवान विश्वकर्मा ही माने जाते हैं। आइए जानते हैं, उनके द्वारा बनाई गई अद्भुत और दिव्य चीजें क्या-क्या हैं?

स्वर्ग लोक की रचना: भगवान विश्वकर्मा को स्वर्ग लोक का रचनाकार कहा जाता है। उन्होंने कुबेरपुरी और अन्य सभी देवनगरी की स्थापना की थी।

पाताल लोक का निर्माण: धरती के नीचे पाताल लोक के निर्माण का श्रेय भी भगवान विश्वकर्मा को है, जिस पर राजा बलि ने राज्य किया था।

सोने की लंका का निर्माण: भगवान विश्वकर्मा ने ही कुबेर के लिए सोने की लंका भी बनाई थी, जिसे रावण ने कुबेर से छीन लिया था।

पुष्पक विमान का निर्माण: रामायण और अन्य ग्रंथों में वर्णित पुष्पक विमान को विश्व का पहला विमान माना गया है। इसकी रचना भी भगवान विश्वकर्मा ने की थी।

द्वारिका का निर्माण: मान्यता के अनुसार विश्वकर्मा जी ने भगवान श्रीकृष्ण के लिए समुद्र में स्थित जलनगरी द्वारिका का निर्माण किया था।

देवताओं के लिए अस्त्र-शस्त्र: भगवान विष्णु के लिए सुदर्शन चक्र, महादेव शिव लिए त्रिशूल, ब्रह्माजी के लिए ब्रह्मास्त्र, यमराज का कालदंड और पाश, इंद्र के लिए वज्र समेत आदि कई तरह के अस्त्र-शस्त्र का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था।

विश्वकर्मा पूजा 2024

वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा की सच्चे मन से पूजा करने से साधक को कार्यक्षेत्र और जीवन में आ रही बाधा से मुक्ति मिलती है, कारोबार में लाभ होता है और उन्नति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल विश्वकर्मा पूजा आज आज मंगलवार 17 सितंबर को मनाई जा रही है। इसकी पूजा का शुभ मुहुर्त 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा के दिन रवि योग सुबह 6:07 बजे से है, जो दोपहर 1:53 बजे तक है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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