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Akhuratha Sankashti Chaturthi: साल 2024 की अंतिम संकष्टी चतुर्थी आज, गणेशजी को ऐसे करें प्रसन्न; नया साल होगा शुभ!

Akhuratha Sankashti Chaturthi: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का दिन गणेश जी को प्रसन्न करने का अमूल्य अवसर है। इस दिन की गई पूजा, व्रत और उपाय भगवान गणेश की कृपा से जीवन को सुखमय, समृद्ध और सफल बनाते हैं। आइए जानते हैं, इसे अखुरथ संकष्टी चतुर्थी क्यों कहते हैं और इस दिन किन उपायों से गणेश जी को प्रसन्न कर सकते हैं?
07:07 AM Dec 18, 2024 IST | Shyam Nandan
akhuratha sankashti chaturthi  साल 2024 की अंतिम संकष्टी चतुर्थी आज  गणेशजी को ऐसे करें प्रसन्न  नया साल होगा शुभ

Akhuratha Sankashti Chaturthi: हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाने वाला संकष्टी चतुर्थी पर्व भगवान गणेश को प्रसन्न करने का विशेष अवसर है। इसे अखुरथ संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है, जो कि आज बुधवार 18 दिसंबर, 2024 को है। आज के दिन की पूजा-अर्चना और उपाय न केवल भगवान गणपति की कृपा प्राप्त करने का माध्यम हैं, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और शांति लाने में सहायक भी हैं।

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यदि आप भी विघ्नहर्ता-सुखकर्ता श्रीगणेश का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो इस दिन के महत्व, पूजा विधि और उपायों को अवश्य जानें। आइए जानते हैं, इसे अखुरथ संकष्टी चतुर्थी क्यों कहते हैं, इस दिन किन उपायों से गणेश जी को प्रसन्न कर सकते हैं, ताकि आने वाला नया साल 2025 भी शुभ हो?

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क्यों कहते हैं इसे अखुरथ संकष्टी चतुर्थी?

हिन्दू धर्म में भगवान गणेश के 108 नामों में से एक नाम 'अखुरथ' है। यह नाम उनके विशेष गुणों और स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है। यह नाम अ + खुरथ से मिलकर बना है, जहां 'अ' का अर्थ है 'नहीं' और 'खुरथ' का अर्थ है 'रथ', इस प्रकार इसका तात्पर्य है, जो रथ पर सवार नहीं होते हैं। यह नाम उनकी सवारी ‘मूषकराज’ की प्रधानता को दर्शाता है और बताता है कि वे छोटे-से-छोटे जीव के प्रति दयालु हैं। इस प्रकार पौष माह के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी को 'अखुरथ संकष्टी चतुर्थी' कहने का कारण भगवान गणेश का 'अखुरथ' नाम है, जिनकी पूजा करने से जीवमात्र पर उनकी कृपा बरसती है।

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अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का महत्व

गणेश जी को विघ्नहर्ता और सुखकर्ता कहा जाता है। अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन की गई पूजा विशेष रूप से शुभ मानी जाती है क्योंकि यह:

  • संकटों का निवारण करती है और जीवन में आर्थिक समृद्धि लाती है।
  • विद्यार्थियों के लिए बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति का कारण बनती है।
  • पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन में शांति और सामंजस्य स्थापित करती है।
  • इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से न केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान होता है, बल्कि भविष्य में आने वाली बाधाएं भी समाप्त हो जाती हैं।

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर करें ये उपाय

संकटों से मुक्ति के लिए: इस दिन भगवान गणेश को दूर्वा याबी हरी दूब घास अर्पित करें। कहते हैं कि दूर्वा गणेश जी को अति प्रिय है और इससे वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं। आज दिन बुधवार होने से यह उपाय और भी अधिक लाभकारी है।

आर्थिक समृद्धि के लिए: पूजा के दौरान गणेश जी के साथ लक्ष्मी माता का स्मरण करें और “श्री गणेशाय नमः” का 108 बार जाप करें।

करियर और पढ़ाई में सफलता के लिए: विद्यार्थी और नौकरीपेशा लोग इस दिन गणेश जी को गुड़ और तिल अर्पित करें। इससे विद्या और बुद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

परिवार में शांति और सुख के लिए: शाम को गणेश जी के मंदिर जाकर मोदक या लड्डू चढ़ाएं। परिवार के सदस्यों को साथ लेकर गणपति की आरती करें।

नौकरी की समस्या दूर करने के लिए: यदि आप लंबे समय से नौकरी न होने से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो भगवान गणेश को 5 हल्दी की गांठ अर्पित करें। इस दौरान 'श्री गणाधिपतये नम:' मंत्र का जप करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से जल्द ही जॉब मिल जाता है, यदि जॉब में हैं, तो प्रमोशन मिलता है और धन में वृद्धि होती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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