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Mahakumbh 2025: भूकंप में भी नहीं हिलेगा महादेव का भव्य त्रिशूल, जानें क्या है खासियत?

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं। शहर में अलग-अलग तरह से साज-सजावट की जा रही है। दुनिया का सबसे ऊंचा त्रिशूल भी प्रयागराज में लगाया गया है।
01:25 PM Dec 30, 2024 IST | Simran Singh
mahakumbh 2025  भूकंप में भी नहीं हिलेगा महादेव का भव्य त्रिशूल  जानें क्या है खासियत
दुनिया का सबसे ऊंचा त्रिशूल

दीपक दुबे

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प्रयागराज: Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ मेला शुरू होने से पहले बड़े स्तर पर तैयारियों का आखिरी दौर जारी है। पूरे शहर को भव्य रूप से सजाया जा रहा है। शहरी की प्रमुख सड़कों पर भारत की संस्कृति, सभ्यता और इतिहास और ईश्वर के रूप को अलग-अलग माध्यमों से दर्शाया गया है। प्रयागराज में इस बार दुनिया का सबसे ऊंचा 151 फीट का त्रिशूल लगाया गया है। आइए इस त्रिशूल की खासियत जानते हैं।

महादेव का भव्य त्रिशूल

महादेव का भव्य त्रिशूल बहुत ही विशेष प्रकार से बनाया गया है जिससे अगर भविष्य में भूकंप भी आ जाए तो महादेव के इस त्रिशूल को कुछ भी न हो। दुनिया का सबसे ऊंचा 151 फीट का त्रिशूल का कुल वजन 31 टन से ज्यादा है। इस त्रिशूल को कोई नुकसान न पहुंचे इसके लिए इसके नीचे 80 फीट गहराई तक पाइलिंग की गई है। साथ ही इस भव्य त्रिशूल को स्टील समेत कई धातुओं से तैयार किया गया है।

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दुनिया का सबसे बड़ा त्रिशूल

अखाड़ा के साधु संतों द्वारा प्रत्येक दिन सुबह के समय इस त्रिशूल की पूजा अर्चना की जाती है। फूल चढ़ाए जाते हैं। त्रिशूल में सबसे ऊपर की तरफ तीनों कांटों के ठीक पीछे एक डमरू भी लगाया गया है। गौरतलब है कि देवो के देव महादेव सदैव त्रिशूल साथ रखते हैं। उनके आशीर्वाद स्वरूप महाकुंभ में दुनिया का सबसे बड़ा त्रिशूल लगाया गया है जो कि कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा। यहां लोग भव्य त्रिशूल के दर्शन मात्र के लिए भी आयेंगे।

आपको बता दें कि दुनिया का यह सबसे ऊंचा त्रिशूल सन्यासियों के उस जूना अखाड़े के मौज गिरी आश्रम में स्थापित किया गया है, जो शैव संप्रदाय का है। इस अखाड़ा के इष्ट देव भगवान भोलेनाथ हैं।

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