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Mahashivratri 2024: साल 2024 में इस दिन मनाई जाएगी महाशिवरात्रि, जानें शुभ तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र

Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि प्रत्येक साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। तो आइए आज इस खबर में जानते हैं कि महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त, शुभ तिथि, पूजा विधि और मंत्र क्या है।
01:26 PM Mar 05, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
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Mahashivratri 2024 Date Muhurt Puja Vidi: महाशिवरात्रि आने में बस कुछ दिन और बाकी है। हिंदू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि प्रत्येक साल फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, साल 2024 में महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी। बता दें कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती की शादी हुई थी। आज के दिन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करने से सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। साथ ही भगवान शिव का आशीर्वाद भी मिलता है। तो आइए आज इस खबर में जानते हैं महाशिवरात्रि के दिन कब है, किस शुभ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं, साथ ही महाशिवरात्रि की क्या है पूजा विधि। इन सभी के बारे में विस्तार से जानेंगे।

महाशिवरात्रि की शुभ तिथि

वैदिक पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि 8 मार्च दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। बता दें कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा चार प्रहर में की जाती है। मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा इन चार प्रहर में करने से सभी कामों में सफलता मिलती है। साथ ही माता पार्वती और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।

महाशिवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, महाशिवरात्रि का पूजन निशिता काल में की जाती है। मान्यता है कि निशिता काल में पूजा करने का विशेष महत्व है। बता दें सुबह में पूजा करने का शुभ मुहूर्त 6 बजकर 25 मिनट से लेकर रात्रि के 9 बजकर 28 मिनट तक है। उसके बाद रात्रि में पूजा करने का शुभ मुहूर्त  9 बजकर 28 मिनट से लेकर देर रात यानी 9 मार्च को रात 12 बजकर 31 मिनट पर होगा।

महाशिवरात्रि की पूजा विधि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान शिव की प्रार्थना करें।

ध्यान करने के बाद स्नान करें और साफ-सुथरा वस्त्र धारण करें। मान्यता है कि इस दिन काले रंग के वस्त्र धारण करने से बचना चाहिए।

स्नान-ध्यान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।

मूर्ति स्थापित करने के बाद शिवलिंग पर जल, दूध और गंगाजल अर्पित करें।

उसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, फूल और बेर अर्पित करें।

इन सब चीजों को अर्पित करने के बाद भगवान शिव के सामने घी का दीपक जलाएं। साथ ही आरती भी करें।

आरती करने के साथ ही साथ शिव चालीसा का पाठ करें।

उसके बाद भगवान शिव को विशेष प्रकार के चीजों का भोग अर्पित करें।

प्रसाद अर्पित करने के बाद लोगों में वितरण करें।

महाशिवरात्रि के दिन करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप

त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्||

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

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