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Margshirsha Amavasya 2024: पितृ दोष और शनि दोष से मुक्ति का खास दिन, मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें ये उपाय!

Margshirsha Amavasya 2024: मार्गशीर्ष यानी अगहन माह की अमावस्या आज शनिवार 30 नवंबर, 2024 को पड़ रही है। शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसका महत्व और भी बढ़ गया है। इसलिए आज कुछ विशेष उपाय करने से पितर और शनिदेव प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं, क्या हैं ये खास उपाय?
06:52 AM Nov 30, 2024 IST | Shyam Nandan
margshirsha amavasya 2024  पितृ दोष और शनि दोष से मुक्ति का खास दिन  मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें ये उपाय

Margshirsha Amavasya 2024: हिन्दू धर्म में यूं तो 12 अमावस्या होती हैं, लेकिन कुछ अमावस्या बेहद महत्वपूर्ण और फलदायी मानी जाती है। ऐसी ही एक अमावस्या मार्गशीर्ष यानी अगहन माह की अमावस्या है। इस अमावस्या का महाभारत में बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान, स्नान और दान करने का महत्व है। इससे पितरों को शांति मिलती हैं, वहीं इस दिन व्रत रखने से सभी तरह के संकटों का अंत होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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इस बार की मार्गशीर्ष अमावस्या और भी खास है, क्योंकि यह शनिवार को पड़ रही है। अमावस्या का शनिवार को पड़ना वाकई खास संयोग है। यह संयोग कई धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि मार्गशीर्ष अमावस्या इस साल की आखिरी शनि अमावस्‍या है।

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मार्गशीर्ष अमावस्या 2024 स्नान-दान मुहूर्त

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इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि की शुरुआत 30 नवंबर को यानी आज सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 1 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर होगा। जो लोग व्रत करते हैं और स्‍नान दान करते हैं, वे 1 दिसंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या का विधि विधान करेंगे। वहीं जो लोग पितरों के लिए पूजापाठ या उपाय करते हैं, वे 30 नवंबर को इसे सम्पन्न करेंगे।

स्नान-दान का मुहूर्त: सुबह 5 बजकर 8 मिनट से 6 बजकर 2 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक

पितृ दोष से मुक्ति के उपाय

शास्त्रों के अनुसार, शनिवार को पितरों का दिन माना जाता है। इसलिए, मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन शनिवार का योग पड़ना पितरों का तर्पण, पिंडदान आदि करने के लिए और अधिक शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए पितृ कार्य से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते हैं, पितृ दोष से मुक्ति के प्रभावशाली उपाय।

हिन्दू धर्म में पीपल का पेड़ पूर्वजों का प्रतीक माना गया है। इसके पास शाम में दीपक जलाने से पितरों को प्रकाश मिलता है और वे प्रसन्न होते हैं। मार्गशीर्ष अमावस्या के मौके पर शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे शुद्ध घी या सरसों के तेल का दीपक जलाएं। साथ ही ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। चूंकि यह अमावस्‍या शनिवार को पड़ रही है। इसलिए इस दिन शनि की प्रिय वस्‍तुओं काली उड़द, काले तिल और काला छाता आदि का दान करें। इससे पितर खुश होकर अपनी कृपया बनाए रखते हैं।

शनि दोष निवारण के उपाय

शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करने और दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिल सकती है। मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन शनिवार का योग होने से यह प्रभाव और भी बढ़ गया है। इस दिन भगवान शनिदेव को कुछ विशेष उपायों से प्रसन्न किया जा सकता है:

अमावस्या के दिन सुबह समय पर उठ जाएं। यदि आप नदी में स्नान कर सकते हैं, तो उत्तम है। स्नान आदि करने के बाद हनुमान जी का पाठ करें। उन्हें लड्डू का भोग लगाएं। यदि आप पाठ नहीं कर पा रहे हैं, तो हनुमान बीज मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। इसके बाद पूजा करते समय हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दिया जलाएं। इससे शनिदोष दूर होते हैं। बता दें कि शनिदेव को रावण से मुक्त शनिदेव ने ही किया था।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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