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Janmashtami 2024 इस साल वैशाख माह में कब मनेगी? जानें शुभ तिथि और पूजा विधि

Masik Krishna Janmashtami 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस दिन व्रत रखने का बहुत ज्यादा महत्व है। आज इस खबर में जानेंगे कि वैशाख माह में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी कब है, शुभ मुहूर्त क्या है और पूजा विधि क्या है।
03:32 PM Apr 26, 2024 IST | Raghvendra Tiwari
janmashtami 2024 इस साल वैशाख माह में कब मनेगी  जानें शुभ तिथि और पूजा विधि

Masik Krishna Janmashtami 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। यह दिन बहुत ही खास माना गया है क्योंकि इस दिन नन्हें गोपाल श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन व्रत भी रखने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन विधि-विधान से पूजा करते हैं, उन्हें भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस माह में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 1 मई को है। ऐसे में जानेंगे कि मासिक कृष्ण जन्माष्टमी की शुभ तिथि क्या है, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या है।

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कब है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 1 मई को है। 1 मई को कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत सुबह के 5 बजकर 45 मिनट से होगी और समाप्ति अगले दिन यानी 2 मई दिन गुरुवार को सुबह 4 बजकर 01 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार, वैशाख माह की मासिक कृष्ण जन्माष्टमी 1 मई 2024 दिन बुधवार को मनाई जाएगी।

कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त मुहूर्त में उठकर स्नान ध्यान करना चाहिए। उसके बाद भगवान का ध्यान करके दिन की शुरुआत करें। इसके बाद मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई करें। उसके बाद गंगाजल का छिड़काव करके मंदिर को पवित्र करें। मंदिर को गंगाजल से पवित्र करके एक चौकी पर कपड़ा बिछाएं, उस पर राधा रानी और श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें।

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मूर्ति स्थापित करने के बाद देसी घी का दीपक जलाएं और भगवान श्री कृष्ण की आरती करें। आरती करने के बाद श्री कृष्ण के जन्म से जुड़े कथा का पाठ करें। पाठ करने के बाद भगवान श्री कृष्ण को माखन मिश्री का भोग अर्पित करें। साथ प्रसाद में तुलसी दल जरूर डालें। प्रसाद अर्पित करने के बाद भगवान से क्षमा याचना करें। साथ ही जीवन में सुख-शांति के लिए प्रार्थना करें। अंत में गरीबों को भोजन करा दें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। 

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