होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Mata Lakshmi Story: किसके श्राप के कारण माता लक्ष्मी को करना पड़ा एक गरीब के घर काम?

Mata Lakshmi Story: माता लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में माता लक्ष्मी का वास होता है, वहां कभी धन की कमी नहीं होती। लेकिन क्या आप जानते हैं कि माता लक्ष्मी को कई सालों तक एक गरीब के घर काम करना पड़ा था। आइए जानते हैं कि उस गरीब का क्या हुआ जिसके घर माता लक्ष्मी काम करती थी?
12:07 PM Oct 20, 2024 IST | Nishit Mishra
Advertisement

Mata Lakshmi Story:  एक दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु धरतीलोक पर घूमने आए। लेकिन धरतीलोक पर माता लक्ष्मी से एक गलती हो गई। उसके बाद भगवान विष्णु ने उन्हें धरतीलोक पर तीन साल तक नौकरानी बनकर रहने को कहा। चलिए जानते हैं क्या थी माता लक्ष्मी की वो गलती जो उन्हें नौकरानी बनना पड़ा?

Advertisement

भगवान विष्णु की कथा

एक दिन भगवान विष्णु शेषनाग की शय्या पर बैठे हुए थे। लेकिन उनका मन लग नहीं रहा था। फिर उन्होंने निश्चय किया कि पृथ्वीलोक से घूम आते हैं। उसके बाद वो पृथ्वीलोक पर आने के लिए तैयार होने लगे। भगवान विष्णु को तैयार होता देख देवी लक्ष्मी से रहा नहीं गया। माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु के पास आई और बोली, प्रभु इतनी सुबह कहां जाने की तैयारी हो रही है? तब भगवान विष्णु बोले, देवी मैं धरतीलोक का भ्रमण करने जा रहा हूं। भगवान विष्णु की बातें सुनकर माता लक्ष्मी बोली, स्वामी! क्या मैं भी आपके साथ धरतीलोक चल सकती हूं?

ये भी पढ़ें- Garud Puran Story: श्री कृष्ण से जानिए, हर घर में क्यों पैदा नहीं होतीं बेटियां? कैसे होता है ‘लक्ष्मी’ का जन्म?

फिर विष्णु जी ने कहा, देवी आप मेरे साथ धरतीलोक चल सकती हैं, लेकिन मेरी एक शर्त आपको माननी होगी। उसके बाद माता लक्ष्मी ने कहा, प्रभु आपके साथ जाने के लिए मुझे कोई भी शर्त स्वीकार है लेकिन पहले आप शर्त तो बताइए। विष्णु जी ने कहा. मेरी शर्त यह है कि आप धरतीलोक पर उत्तर दिशा की ओर मत देखिएगा। उसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी धरतीलोक के लिए चल दिए।

Advertisement

लक्ष्मी जी की गलती

माता लक्ष्मी जब भगवान विष्णु के साथ पृथ्वी पर पहुंची, तब धरतीलोक पर सुबह हुई थी। धरतीलोक पर बारिश के कारण मौसम बड़ा ही सुहाना था। धरतीलोक की सुंदरता देख माता लक्ष्मी उस पर मन ही मन मोहित हो गई। धरतीलोक की सुंदरता से वह इतना मंत्र मुग्ध हो गई कि, भगवान विष्णु के शर्त को भी भूल गई। वह चारों ओर देखने लगीं और मन ही मन कहने लगी, आज धरती कितनी सुन्दर दिख रही है। फिर कुछ समय भ्रमण करने के बाद माता लक्ष्मी को उत्तर दिशा में एक सुन्दर बगीचा दिखा। उस बगीचे में बहुत से सुन्दर फूल खिले हुए थे।

फूलों की सुंदरता देख माता लक्ष्मी से रहा नहीं गया और वह उस बगीचे में चली गई। फिर कुछ देर बाद उस बगीचे से एक सुन्दर सा फूल तोड़कर भगवान विष्णु के पास पहुंची। लेकिन जब भगवान विष्णु ने देवी लक्ष्मी के हाथों में उस फूल को देखा तो, वो उदास हो गए। उसके बाद भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी से कहा, देवी बिना पूछे किसी की वस्तु नहीं लेनी चाहिए। फिर भगवान विष्णु ने उन्हें अपनी शर्त याद दिलाई।

विष्णु जी ने दी माता लक्ष्मी को सजा

भगवान विष्णु की बातें सुनकर माता देवी लक्ष्मी ने कहा, प्रभु! मुझसे बड़ी भूल हो गई, हो सके तो मुझे क्षमा कर दीजिए। उसके बाद विष्णु जी बोले, देवी इस भूल के लिए आपको क्षमा नहीं किया जा सकता। आपको इसकी सजा भुगतनी पड़ेगी। विष्णु जी बातें सुनकर देवी लक्ष्मी ने कहा, स्वामी! मैंने कौन सा बड़ा पाप किया है जो मुझे क्षमा नहीं मिल सकती? तब भगवान विष्णु ने कहा आपने माली से बिना पूछे उसके बगीचे से फूल तोड़ा है। ये कार्य चोरी जैसे पापों की श्रेणी में आता है। इसलिए आपको सजा के तौर पर उस माली के घर तीन साल तक नौकरानी बनकर रहना होगा। फिर तीन साल पूरा होने के बाद मैं आपको लेने आऊंगा। इतना कहकर विष्णु जी अपने धाम वापस लौट गए।

लक्ष्मी जी बनी नौकरानी

इधर भगवान विष्णु के जाने के बाद, माता लक्ष्मी एक गरीब कन्या का रूप धारण कर उस माली के घर पहुंची। उस माली का नाम माधव था। माता लक्ष्मी ने देखा कि माधव एक झोपड़ी में अपने परिवार के साथ रहता है। फिर कुछ देर बाद माधव जब झोपड़ी से बाहर आया तो, उसने उस गरीब कन्या को देखा। उसने माता लक्ष्मी रुपी गरीब कन्या से पूछा, बेटी तुम कौन हो और यहां क्या करने आई हो? तब वह कन्या बोली, मैं एक गरीब लड़की हूं और इस दुनिया में मेरा कोई भी नहीं है। कई दिनों से मैंने कुछ खाया भी नहीं है।

ये भी पढ़ें- Mata Lakshmi Mandir story: दिवाली के दिन इस मंदिर में माता के दर्शन मात्र से ही पूरी हो जाती है सारी मनोकमना!

आपसे प्रार्थना है कि मुझे अपने यहां काम पर रख लीजिए। कन्या रुपी माता लक्ष्मी की बातें सुनकर माधव को दया आ गई। फिर माधव ने कहा, बेटी मैं एक गरीब माली हूं, बड़ी मुश्किल से मैं अपने परिवार को पाल रहा हूं। लेकिन अगर तुम मेरी बेटी बनकर मेरे यहां रहना चाहती हो तो रह सकती हो। उसके बाद माता लक्ष्मी माधव के घर रहने को तैयार हो गई।

माधव बन गया धनवान

उसके बाद माधव उस कन्या को झोपड़ी के अंदर ले गया। फिर अपनी पत्नी से बोला, आज से ये कन्या इस घर में मेरी बेटी बनकर रहेगी। यह सुन माधव की पत्नी खुश हो गई। अगले दिन माधव की कमाई इतनी हुई कि उसने एक गाय खरीद ली। उस दिन के बाद माधव की आमदनी दिन-प्रतिदिन बढ़ने लगी। फिर कुछ दिनों के बाद माधव ने सोचा, जब से ये लड़की हमारे घर आई है, तब से हमारी आमदनी बढ़ने लगी है। अभी भी मैं तो पहले की तरह ही मेहनत करता हूं। कहीं ये लड़की कोई देवी तो नहीं है। इसी तरह समय बीतता गया और तीन साल पूरा होने के अगले दिन, जब माधव अपने खेतों से आया तो दरवाजे पर देवी रुपी एक महिला को देखा।

माता लक्ष्मी ने दिए दर्शन

नजदीक आकर जब माधव ने उस महिला को देखा तो, वह समझ गया यह तो, वही लड़की है जो तीन साल पहले मेरे घर आई थी। फिर माधव को समझते देर नहीं लगी कि तीन साल से मेरे घर गरीब कन्या के रूप में माता लक्ष्मी वास कर रही थी। उसके बाद माधव ने पत्नी सहित बच्चों से बाहर आने को कहा। बाहर आकर जब माधव की पत्नी देवी लक्ष्मी को देखा तो हैरान हो गई। फिर माधव की पत्नी ने माता लक्ष्मी से कहा, मां हमलोगों से कोई गलती हो गई हो तो क्षमा कर देना।

उसके बाद माधव बोला, माता हमने आपसे खेतों  में काम करवाया, घर के काम भी करवाए, हो सके तो हमें क्षमा कर दीजिए। माधव की बातें सुनकर माता लक्ष्मी बोली, माधव तुम नेक इंसान हो। इतने दिनों तक तुमने मुझे बेटी बनाकर रखा। मैं तुम्हे वरदान देती हूं कि, तुम्हारे पास कभी भी धन की कमी नहीं होगी। इसके बाद माता लक्ष्मी विष्णु जी के साथ रथ में बैठकर अपने धाम चली गई।

ये भी पढ़ें- Mahabharat Story: महाभारत युद्ध में कैसे बनता था योद्धाओं का भोजन? कैसे पता चलता था आज कितने योद्धा जीवित बचेंगे?

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है

Open in App
Advertisement
Tags :
diwali 2024Mata Lakshmi
Advertisement
Advertisement