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इन 5 पेड़ों को 'आत्माओं का ठिकाना' क्यों मानते हैं लोग? जानें कितना सच और कितना झूठ?
Ghosts on Trees: पेड़ों पर भूत-प्रेत और आत्माओं के रहने की धारणा कहें या लोगों का विश्वास, केवल भारत में ही नहीं विश्व की अनेक संस्कृतियों में पाई जाती है। अनेक लोक कथाओं में वृक्षों पर भूतों के रहने जिक्र हुआ है। आज भी अनेक लोग कुछ पेड़ों को भूतिया मानते हैं। आइए जानते हैं, ये पेड़ कौन-कौन से हैं और इन्हें भूतिया क्यों माना जाता है?
कपास का पेड़
अनेक लोगों का मानना है, जब कपास का पेड़, जी हां, जिससे रुई प्राप्त होती है, बहुत पुराना हो जाता है, तो उस पेड़ को बुरी आत्माएं अपने कब्जे में ले लेती हैं। ये बात कितनी सच कहना मुश्किल है, लेकिन मान्यता है कि रात के समय कपास के पेड़ के आसपास ज्यादा देर नहीं रुकना चाहिए अन्यथा आत्माएं साथ हो लेती हैं।
पीपल का पेड़
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। लेकिन जिस पीपल के पेड़ की कभी पूजा नहीं होती है, यदि वह निर्जन स्थान पर है, जहां गंदगी या बदबू होती है। उस पीपल के पेड़ के बारे में मान्यता है कि उस पर भूत होते ही होते हैं। बता दें, हिन्दू धर्म में इस पेड़ में पितरों की आत्माओं का भी वास माना गया है।
इमली का पेड़
बड़े-बुजुर्ग भी कहते हैं और प्रचलित मान्यता भी है कि इमली का पेड़ कभी घर के आंगन में और घर के सामने नहीं लगाना चाहिए। कहते हैं, इस पर भी प्रेतों का वास होता है। मान्यता है कि इस पेड़ पर चुडैलें भी रहती हैं। साथ ही यह पेड़ नेगेटिव एनर्जी भी फैलाता है।
बांस का पेड़
भारत गांवों का देश है, जहां बांस से जुड़ी अनेक किस्से-कहानियां प्रचलति हैं। कहते हैं, बांस के वैसे झुरमुट जो गांवों से दूर होते हैं, वैसे बांसों की फुनगी पर प्रेतात्माएं झूला झूलती हैं। रात में कभी इन झुरमुटों के पास अकेले नहीं जाना चाहिए।
बरगद का पेड़
हिन्दू धर्म में बरगद के पेड़ में त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) का वास माना गया है। लेकिन लोक कथाओं में जिक्र मिलता है कि बूढ़े बरगद के पेड़ में आत्माओं का वास होता है, जो प्रायः अच्छी होती हैं। यूपी-बिहार में अनेक जगहों पर इन्हें 'बरम बाबा' के नाम से पूजा जाता है।
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