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Pitru Paksha 2024: चावल और उड़द दाल के बिना अधूरा है श्राद्ध का खाना! जानें महत्व

Pitru Paksha 2024: श्राद्ध के दौरान पूर्वजों और पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। श्राद्ध पूजा के लिए हर बार अलग-अलग चीजों का प्रसाद बनाकर चढ़ाया जाता है। लेकिन श्राद्ध के खाने में चावल और उड़द की दाल का होना जरूरी होता है। इसके बिना पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। चलिए जानते हैं श्राद्ध का खाना चावल और उड़द दाल के बिना क्यों अधूरा माना जाता है।
02:28 PM Sep 20, 2024 IST | Nidhi Jain
पूर्वजों को ऐसे करें प्रसन्न...
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Pitru Paksha 2024: पितरों और पूर्वजों की आत्मा की शांति और तृप्ति के महा अनुष्ठान पितृपक्ष की शुरुआत 18 सितंबर 2024 से हो चुकी है, जिसका समापन अगले महीने 2 अक्टूबर 2024 को सर्वपितृ अमावस्या के दिन होगा। इन 16 दिनों के दौरान देवी-देवताओं के साथ-साथ पितरों और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विधिपूर्वक पूजा की जाती है। श्राद्ध पूजा के दौरान पितरों और पूर्वजों का मनपसंद खाना भी बनाया जाता है। हालांकि श्राद्ध का खाना बनाने से लेकर भोग लगाने तक के कई नियम हैं, जिनका पालन न करने पर पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है।

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मान्यता है कि भोजन ही वह माध्यम है, जिसके जरिए मनुष्य ब्रह्मांड से जुड़ता है। इसलिए श्राद्ध के खाने का चयन सोच-समझकर करना चाहिए। हालांकि दो चीजें ऐसी हैं, जिन्हें श्राद्ध के खाने में जरूर बनाना चाहिए। उड़द की दाल और चावल के बिना श्राद्ध का खाना अधूरा माना जाता है। आइए अब विस्तार से जानते हैं श्राद्ध के खाने में उड़द की दाल और चावल के महत्व के बारे में।

चावल और उड़द दाल का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, उड़द की दाल और चावल को आत्मा के पोषण का प्रतीक माना जाता है। श्राद्ध में पितरों को इन्हें चढ़ाने से उनकी भूख शांत होती है। मन और आत्मा दोनों से पितरों और पूर्वजों को शांति मिलती है। इसके अलावा उड़द की दाल और चावल दोनों सात्विक भोजन हैं, जो आसानी से पच जाते हैं। इनमें पोषण तत्वों की भरपूर मात्रा होती है, जिससे सेहत को नुकसान नहीं होता है।

उड़द की दाल और चावल को पितृ पक्ष के खाने में बनाने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है, जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही पूर्वजों के आशीर्वाद से दीर्घायु, धन और वंश में वृद्धि होती है।

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श्राद्ध के खाने से जुड़े जरूरी नियम

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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