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MahaKumbh 2025: प्रयागराज में क्यों लगता है महाकुंभ? जानें स्नान की सही तिथियां

Prayagraj MahaKumbh: साल 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन होगा, जो 45 दिनों तक चलेगा। चलिए जानते हैं महाकुंभ मेले के महत्व और 6 प्रमुख स्नान की सही तिथियों के बारे में।
08:16 AM Nov 05, 2024 IST | Nidhi Jain
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महाकुंभ 2025

Prayagraj MahaKumbh 2025: सनातन धर्म के लोगों को हर 12 साल में होने वाले महाकुंभ मेले का बेसब्री से इंतजार रहता है। लगभग 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में किया जाता है। इस बार महाकुंभ का मेला साल 2025 में आयोजित होगा। इस महाकुंभ में लाखों की संख्या में साधु-संत और भक्तजन शामिल होते हैं। माना जाता है कि महाकुंभ मेले में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही जीवन में खुशियों का वास होता है।

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वैदिक पंचांग के अनुसार, हर 12 साल बाद पौष मास की पूर्णिमा तिथि से प्रयागराज में महाकुंभ मेला आरंभ होता है, जो महाशिवरात्रि तक चलता है। इस बार प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी 2025 से होगी, जिसका समापन 26 फरवरी 2025 को होगा। इन 45 दिनों के दौरान 6 प्रमुख स्नान होंगे, जिसकी सही तिथि के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।

क्यों लगता है महाकुंभ मेला?

पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि जब अमृत कलश लेकर निकले थे, तो उसे पाने के लिए असुरों और देवताओं में युद्ध हो गया था। असुरों और देवताओं से अमृत कलश को बचाने के लिए करीब 12 साल तक धन्वंतरि जी ब्रह्मांड में इधर-उधर घूम रहे थे। जब धन्वंतरि जी अमृत कलश को लेकर ब्रह्मांड का चक्कर लगा रहे थे, तो उस दौरान अमृत की कुछ बूंदें प्रयागराज, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में गिर गई थी। जिस स्थान पर अमृत की बूंदें गिरी थी, उन्हीं 4 स्थानों पर 12 साल के अंतराल में महाकुंभ का आयोजन किया जाता है।

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हर 12 साल बाद क्यों लगता है महाकुंभ मेला?

अमृत कलश को पाने के लिए देवताओं और राक्षसों के बीच करीब 12 दिनों तक लड़ाई चली थी। धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवताओं के 12 दिन मनुष्य के 12 वर्षों के समान होते हैं। इस वजह से हर 12 साल बाद महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।

महाकुंभ स्नान की सही तिथियां

  • 13 जनवरी 2025 को प्रयागराज महाकुंभ का पहला स्नान किया जाएगा, जिस दिन पौष मास की पूर्णिमा भी है।
  • महाकुंभ का दूसरा स्नान 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के दिन किया जाएगा।
  • 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या है, जिस दिन महाकुंभ का तीसरा स्नान किया जाएगा।
  • 3 फरवरी 2025 को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा, जिस दिन महाकुंभ का चौथा स्नान किया जाएगा।
  • महाकुंभ का पांचवां स्नान 12 फरवरी 2025 को माघी पूर्णिमा के दिन किया जाएगा।
  • प्रयागराज महाकुंभ का छठा और अंतिम स्नान 26 फरवरी 2025 को किया जाएगा, जिस दिन महाशिवरात्रि भी है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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