Radha Ashtami 2024: राधा अष्टमी पर कैसे रखें व्रत, कौन सा लगाएं भोग? जानें श्री राधा रानी को खुश करने के उपाय
Radha Ashtami 2024 Vrat Puja Vidhi: ज्योतिष के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि श्री राधा रानी को समर्पित है। इस खास दिन श्री राधा रानी का अवतरण हुआ था, इसलिए इस दिन को राधा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन श्री राधा रानी की पूजा की जाती है और उन्हें उनकी प्रिया चीजों का भोग लगाया जाता है। ऐसा करने से साधक को राधा रानी की कृपा प्राप्त होती है और राधा रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए ज्योतिर्विद डॉ. संजीव शर्मा से जानते हैं कि राधा अष्टमी 10 सितंबर या 11 सितंबर? कब मनाई जाएगी? साथ राधा रानी को कौन सा भोग लगाएं, क्या विधि है? और किन-किन बातों का ख्याल राधाष्टमी पर रखना चाहिए?
राधा अष्टमी 2024 कब है?
हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी होती है। इस साल अष्टमी तिथि की शुरुआत 10 सितंबर को रात 11:11 पर शुरू होगी और 11 सितंबर को रात 11:46 पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है इसलिए 11 सितंबर 2024 को राधा अष्टमी मनाई जाएगी।
श्री राधा जी के भोग की विधि
राधा अष्टमी के दिन (Radha Ashtami) श्री राधा रानी की विधि पूर्वक पूजा-अर्चना करें। आप किशोरी जी को मालपुआ का भोग लगाएं। शास्त्रों के अनुसार मानता है कि पूजा थाली में मालपुआ शामिल करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और ग्रह क्लेश की समस्या से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा श्री राधा रानी के भोग में रबड़ी और फल भी शामिल कर सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन चीजों का भोग लगाने से किशोरी जी प्रसन्न होती हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
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इस दिन देवी को घर का बना भोग प्रसाद अर्पित करें। भोग-प्रसाद में तुलसी, पंचामृत, पंजीरी, खीर, हलवा, मालपुआ, पूरी और चना भी शामिल किया जा सकता है। राधा रानी को इन चीजों का भोग लगाना भी शुभ होता है।
राधा अष्टमी पर इन 9 बातों का रखें ध्यान
1. राधा अष्टमी पर ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए।
2. इस दिन देवी को घर का बना भोग प्रसाद लगाना चाहिए।
3. इस दिन वृंदावन की मंगला आरती में हिस्सा लेना शुभ माना जाता है।
4. राधा अष्टमी के दिन कठोर व्रत रखने का संकल्प अवश्य लेना चाहिए।
5. भक्त केवल सात्विक भोजन से ही अपना व्रत पूर्ण करें।
6. राधा अष्टमी को श्री राधा रानी के भजन अवश्य गाएं।
7. इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करें।
8. इस दिन किसी से भी किसी प्रकार का वाद-विवाद और किसी के बारे में बुरा बोलने से बचें।
9. राधा अष्टमी के दिन तामसिक भोजन जैसे- प्याज, लहसुन, अंडे और मांस आदि का सेवन वर्जित है।
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गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करने फलदायी
धार्मिक मान्यता अनुसार राधा अष्टमी के अवसर पर राधा कृष्ण और लड्डू गोपाल जी का अभिषेक करना चाहिए। गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करने पर व्यक्ति को अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है। जीवन से सभी दुख-संकट दूर होने लगते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।