whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से जुड़ीं 10 खास बातें, शंखचूड़ रस्सी से खींचा जाएगा रथ

Rath Yatra 2024: भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध पुरी रथयात्रा आज से शुरू हो रही है। इस साल रथयात्रा में 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आने की संभावना है। आइए जानते हैं हैं, जगन्नाथ पुरी रथयात्रा से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण और रोचक जानकारियां।
01:02 PM Jul 07, 2024 IST | Shyam Nandan
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से जुड़ीं 10 खास बातें  शंखचूड़ रस्सी से खींचा जाएगा रथ

Rath Yatra 2024: ओडिशा में पुरी स्थित महाप्रभु जगन्नाथ के मंदिर की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा दुनिया के सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध रथ उत्सवों में से एक है। यह यात्रा हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को शुरू होती है, जो हजार सालों से आयोजित होती आ रही है। आज 7 जुलाई की शाम से यह रथयात्रा शुरू होगी, जिसका समापन 16 जुलाई को होगा। आइए जानते हैं, जगन्नाथ पुरी रथयात्रा से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण और रोचक जानकारियां।

Advertisement

1- ओडिशा में पुरी के जगन्नाथ मंदिर में तीन देवताओं महाप्रभु जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियां स्थापित हैं। देवी सुभद्रा भगवान जगन्नाथ और बलभद्र की बहन हैं। हर साल इन तीनों देवताओं के लिए तीन विशाल रथ बनाए जाते हैं, जो मंदिर जैसे दिखते हैं। इन रथों को 'ध्वज' कहा जाता है।

2- भगवान जगन्नाथ के रथ को नंदीघोष ध्वज, भगवान बलभद्र के रथ को तालध्वज और देवी सुभद्रा के रथ को दर्पदलन ध्वज कहा जाता है। इस रथयात्रा को 'रथ महोत्सव' और 'गुंडिचा यात्रा' भी कहते हैं।

Advertisement

3- मंदिर जैसे दिखने वाले इन रथों की ऊंचाई भिन्न-भिन्न होती हैं। देवी सुभद्रा के रथ की ऊंचाई 42 फीट होती है। जबकि बलभद्रजी का रथ 43 फीट ऊंचा होता है। वहीं, भगवान जगन्नाथ के रथ की ऊंचाई सबसे अधिक होती है, जो 45 फीट ऊंचा होता है।

Advertisement

Jagannath Rath Yatra 2024: जगन्नाथ रथ यात्रा आज से शुरू, इस दिन गुंडीचा मंदिर पहुंचेंगे भगवान, देखें 10 दिन का पूरा शेड्यूल - Jagannath Rath Yatra 2024 date full schedule ...

4- इन रथों लगे पहिए की संख्या भी भिन्न-भिन्न होती है। देवी सुभद्रा के रथ में 12 पहिए होते हैं, वहीं बलभद्रजी के रथ में 14 पहिए जुड़े होते हैं, जबकि भगवान जगन्नाथ के रथ में 16 पहिए लगे होते हैं।

5- भगवान जगन्नाथ का ध्वज यानी रथ को जिस रस्सी से खींचा जाता है, उसे 'शंखचूड़' कहते हैं। मान्यता है कि रस्सियों या रथों को छूने से आध्यात्मिक पुण्य मिलता है, सारे पाप धुल जाते हैं और इस जीवन के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

6- भगवान जगन्नाथ के मंदिर से यह रथयात्रा शुरू होकर गुंडिचा मंदिर पर जाकर खत्म होती है, जिसे भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर माना जाता है। यह दूरी लगभग 3 किलोमीटर है। तीनों देवता यहां नौ दिनों तक रहने के बाद 10वें दिन फिर जगन्नाथ मंदिर लौट आते हैं।

7- महाप्रभु जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के जगन्नाथ मंदिर के लिए रथयात्रा की वापसी को 'बहुदा यात्रा' कहते हैं। यह आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आयोजित होता है।

Jagannath Rath Yatra 2024: जगन्नाथ रथ यात्रा 7 जुलाई से शुरू, जानें 1000 यज्ञों का पुण्य देने वाली इस यात्रा का महत्व - Jagannath Rath Yatra 2024 date Begins from 7th july

8- बहुदा यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ स्वर्ण पोशाक यानी सोने से बने परिधान पहनकर वापस लौटते हैं। इसे 'सुना बेशा' कहते है, सुना का अर्थ है 'सोना' और बेशा का मतलब है 'भेष'। सुना बेशा को 'राज भेष' या 'राजराजेश्वर भेष' भी कहते हैं।

9- पुरी की जगन्नाथ रथयात्रा शुरू होने से पहले रथयात्रा के रास्ते की सफाई सोने की झाड़ू से की जाती है। सोने के इस झाड़ू से रास्ते की सफाई वैदिक मंत्रों के जाप के साथ केवल पुरी के राजा के वंशज ही कर सकते हैं।

10- इस रथयात्रा उत्सव की औपचारिक शुरुआत ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नानयात्रा की विशेष रस्म से होती है, जब महाप्रभु जगन्नाथ, भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और सुदर्शन चक्र को सोने के कुएं के शीतल जल के 108 घड़ों से विशेष स्नान करवाया जाता है। इसे 'देवस्नान' कहा जाता है।

बता दें, कुएं के शीतल जल से स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ को तेज बुखार आ जाता है और वे 15 दिनों के लिए 'अणसर' यानी चिकित्सा भवन में चले जाते हैं, जहां उन्हें स्वस्थ करने के लिए विशेष काढ़ा और औषधियां दी जाती हैं। भगवान जगन्नाथ रथयात्रा से दो दिन पहले स्वस्थ होते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं, इसके बाद ही रथयात्रा विधिवत शुरू होती है।

ये भी पढ़ें: Kawad Yatra 2024: भगवान परशुराम या रावण… कौन थे पहले कांवड़ यात्री? जानें क्यों करते हैं भगवान शिव का जलाभिषेक

ये भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2024: रक्षा बंधन पर बन रहा महासंयोग, जानें राखी बांधने का सही मुहूर्त और भद्रा काल

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो