प्रदोष व्रत पर इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, मिलेगा मनचाहा वरदान
Ravi Pradosh Vrat: वैदिक पंचांग के अनुसार, आज शाम को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। आज देवों के देव महादेव की पूजा विधि-विधान से की जाएगी। मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है। जो लोग प्रदोष व्रत के दिन व्रत और भगवान शिव की आराधना करते हैं उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही उन्हें सभी पापों से मुक्ति भी मिलता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि प्रदोष व्रत के दिन किस तरह से भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। साथ ही पूजा लिस्ट क्या है और मुहूर्त क्या है।
रवि प्रदोष व्रत का मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 मई दिन रविवार यानी आज प्रदोष व्रत रखा जाएगा। बता दें कि आज देवों के देव महादेव की पूजा करने का शुभ मुहूर्त् शाम 6 बजकर 55 मिनट से लेकर रात्रि के 9 बजे तक है।
प्रदोष व्रत की पूजा सामग्री
पंडित जी के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करते समय अक्षत, कलावा, फूल, फल, मिठाई, लाल गुलाल, सफेद चंदन, धतूरा, भांग, धागा, नया वस्त्र, कपूर, बेलपत्र, हवन सामग्री और पंचमेव आदि। उसके बाद भगवान शिव की पूजन करते समय श्री महेश्वराय नम: मंत्र का जाप करें।
पूजा करते समय करें इन मंत्रों का जाप
। ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात ।।
शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने के लिए सबसे पहले आपको सुबह जल्दी उठना होगा। उसके बाद भगवान शिव को गंगाजल और पंचामृत से अभिषेकर करें। बाद में पंचाक्षरी मंत्र का भी जाप करें। मंत्र का जाप करने के बाद शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करना चाहिए। मान्यता है कि भगवान शिव को बेलपत्र और धतूरा बेहद प्रिय है। इसके बिना भगवान शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग विधि-विधान से पूजा अर्चना करते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति भी मिलती है।
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