खेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

Pitru Paksh 2024: पितृपक्ष में इन लोगों को नहीं करनी चाहिए तुलसी पूजा, पितर हो जाते हैं नाराज!

Pitru Paksh 2024: हिन्दू धर्म में पितृपक्ष का खास महत्व है। 17 सितंबर 2024 से पितृपक्ष शुरू होने वाला है। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण, अन्न दान, जल दान आदि किया जाता है। लेकिन इस दौरान देवों की पूजा का भी खास नियम बताया गया है। आइए जानते हैं कि पितृपक्ष के दौरान तुलसी की पूजा कैसे करनी चाहिए?
06:03 PM Sep 16, 2024 IST | News24 हिंदी
Advertisement

Tulsi Pooja Ke Niyam: हिन्दू धर्म में श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध उनकी पुण्यतिथि के अनुसार किया जाता है। इस दौरान देव पूजा का भी खास ख्याल रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी पितृपक्ष के दौरान नियमों का पालन करते हुए देवों की भी पूजा करता है, उससे देवताओं के साथ-साथ पितर भी प्रसन्न होते हैं। हिन्दू शस्त्रों में पितृपक्ष के दौरान तुलसी पूजा के नियम बताए गए हैं। इन नियमों के अनुसार जो भी पूजा करता है वह साल भर पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करता है। चलिए जानते हैं क्या हैं वो खास नियम?

Advertisement

श्राद्धपक्ष में तुलसी पूजा के नियम  

1. धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि पितृपक्ष के दौरान तुलसी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। गरुड़ पुराण की मानें तो पितृपक्ष के दौरान तुलसी को जल अर्पित करने से पितर प्रसन्न होते हैं और माता तुलसी का भी आशीर्वाद मिलता है। शास्त्रों में माता तुलसी को देवी लक्ष्मी का रूप माना गया है। पितृपक्ष में तुलसी के पौधे में जल अर्पित करने से घर में हमेशा समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।

2. श्राद्ध पक्ष में देवी तुलसी की पूजा घर के उसी सदस्य को करनी चाहिए जो पितर का श्राद्ध या तर्पण न करता हो। ये भी ध्यान रखें कि इन 15 दिनों में तुलसी पूजा करने वाला व्यक्ति भूल से भी श्राद्ध से जुड़ा कोई कार्य न करे।

3. शास्त्रों कि मानें तो पितृपक्ष के दौरान भूलकर भी तुलसी के पौधों को छूना नहीं चाहिए। पितृपक्ष के दिनों में तुलसी की पूजा पौधे को बिना स्पर्श किये ही करनी चाहिए। ऐसा माना जाता कि जो भी इस दौरान तुलसी के पौधे को स्पर्श करता है उसे देवी लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है।

Advertisement

4. कर्म-काण्ड में कहा गया है कि पितृपक्ष के दौरान घर के आंगन या किसी भी जगह मौजूद तुलसी के पौधों से पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए। कहा जाता है कि श्राद्ध पक्ष के दौरान तुलसी के पत्तियों के तोड़ने से पितरों की आत्मा को कष्ट पहुंचता है और वे नाराज हो जाते हैं।

5. हमारे शास्त्रों में तुलसी के पौधे को सकरात्मकता का प्रतीक माना गया है। ऐसा माना जाता है कि पितृपक्ष के दौरान तुलसी की पूजा करने से रूठे हुए पितर भी मान जाते हैं और साथ ही पितरों के आत्मा को भी शांति मिलती है।

ये भी पढ़ें-Pitru Paksh 2024: पितृपक्ष में किसी भी रूप में आ सकते हैं पितर, घर आएं इन जीवों का भूल से भी न करें अनादर, वरना…

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

 

Open in App
Advertisement
Tags :
pitru paksh 2024tulsi pooja ke niyam
Advertisement
Advertisement