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सावन में श्रावण अमावस्या कब? देवी-देवताओं को कैसे करें खुश, जानें तिथि, पूजा विधि और उपाय

Shravan Amavasya: साल 2024 में 3 अगस्त को श्रावण अमावस्या का व्रत रखा जाएगा। इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता है। साथ ही देवी-देवताओं की आराधना की जाती है। चलिए जानते हैं श्रावण अमावस्या पर देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के उपायों के बारे में।
10:55 AM Jul 12, 2024 IST | Nidhi Jain
सावन में श्रावण अमावस्या कब  देवी देवताओं को कैसे करें खुश  जानें तिथि  पूजा विधि और उपाय

Shravan Amavasya 2024: शिव जी के भक्तों के लिए सावन माह बेहद खास होता है। इस दौरान व्रत रखने के साथ-साथ भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की विधि-पूर्वक उपासना की जाती है। इसके अलावा सावन में आने वाले प्रत्येक व्रत और तिथि का महत्व अपने आप में बढ़ जाता है, क्योंकि ये माह महादेव को अति प्रिय होता है। इस बार सावन में श्रावण अमावस्या का पर्व भी पड़ रहा है, जिस दिन विशेषतौर पर भगवान शिव की आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, श्रावण महीने में आने वाली अमावस्या तिथि को श्रावण अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि देश के कई राज्यों में श्रावण अमावस्या को चितलगी अमावस्या और हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

श्रावण अमावस्या 2024 कब है?

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार श्रावण अमावस्या तिथि का आरंभ 3 अगस्त 2024 को दोपहर 03:50 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 4 अगस्त को शाम 04:42 मिनट पर होगा। ऐसे में श्रावण अमावस्या का व्रत 4 अगस्त 2024 को रखा जाएगा।

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अमावस्या पर दो शुभ योग का हुआ निर्माण

इस बार श्रावण अमावस्या का दिन बेहद शुभ है, क्योंकि इस दिन सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा इस दिन पुष्य नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है। ऐसे में इस दौरान किए गए कार्यों के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही देवी-देवताओं का भी आप पर व आपके पूरे परिवार पर आशीर्वाद बना रहा है।

श्रावण अमावस्या की पूजा विधि

  • श्रावण अमावस्या के दिन प्रात: काल उठें। शुद्ध वस्त्र धारण करने के बाद भगवान शिव की उपासना करें।
  • व्रत का संकल्प लें और पितृ देवता को याद करें और उनसे भूल चूक के लिए माफी मांगे।
  • साथ ही पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण करें।
  • इसके बाद गाय या कौवा को भोजन कराएं।

श्रावण अमावस्या के उपाय

  • श्रावण अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने के बाद पेड़ की सात बार परिक्रमा करना शुभ माना जाता है। इससे पितरों को शांति मिलती है। साथ ही वो अपना आशीर्वाद सदा अपने आने वाली पीढ़ी पर बनाकर रखते हैं।
  • देश के कई राज्यों मे श्रावण अमावस्या के खास दिन पेड़ लगाए जाते हैं। इस दिन को पर्यावरण संरक्षण के रूप में भी मनाया जाता है।
  • श्रावण अमावस्या के दिन देवी-देवताओं की पूजा करने के साथ-साथ पितृ देवता की आराधना भी की जाती है। इस दिन आटे से दीपक बनाएं और उस में बत्ती लगाकर जलाएं। फिर उसे किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें। इससे धन की देवी मां लक्ष्मी तो आपसे प्रसन्न होंगे ही। साथ ही पितृदेव भी शांत होंगे।
  • शिव जी की पूजा करने के साथ-साथ श्रावण अमावस्या के दिन शनि देवता की भी आराधना की जाती है। इस दिन शनि देवता के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाना और काले तिल उन्हें अर्पित करने से कुंडली में शनि ग्रह की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही शनि देव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • श्रावण अमावस्या के दिन मछलियों को आटे की गोलियां खिलाना शुभ होता है। इससे घर-परिवार में धन-दौलत का आगमन होता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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