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Sawan 2024: सावन सोमवार पर करें बेल पत्र के 5 उपाय, जीवन में कभी नहीं आएगी दरिद्रता

Sawan 2024: भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना का शुभ महीना सावन सोमवार 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। आइए जानते हैं, भगवान शिव को प्रिय बेल पत्र के उपाय, जिसे विधिवत करने से जीवन से दरिद्रता का नाश होता है और सौभाग्य समृद्धि में वृद्धि होती है।
11:37 AM Jul 21, 2024 IST | Shyam Nandan
sawan 2024  सावन सोमवार पर करें बेल पत्र के 5 उपाय  जीवन में कभी नहीं आएगी दरिद्रता

Sawan 2024: हिंदू धर्म में सावन पवित्र मास भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का महीना है। मनोकामनाएं पूरी करने वाली भगवान शिव की भक्ति का प्रतीक कांवड़ यात्रा इसी महीने में निकाली जाती है। इस पवित्र महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है। सावन मास के सोमवार को भगवान शिव की पूजा बेल पत्र से करना अत्यंत शुभ माना गया है। बेल पत्र में माता पार्वती का वास होने से यह महादेव को बहुत पसंद है। आइए जानते हैं, बेल पत्र से जुड़े कुछ उपाय और विधियां जिसके पालन से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और जीवन और घर से दरिद्रता समाप्त होती है।

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सावन सोमवार को बेल पत्र के उपाय

इस साल सावन मात्र 29 दिन की है, लेकिन इसका शुरुआत और अंत दोनों सोमवार से हो रहा है। ऐसा संयोग 72 साल के बाद बना है। वहीं इस बार कुल 5 सोमवार व्रत पड़ रहे हैं। मान्यता है कि सोमवार को बेल पत्र से उपाय से जीवन की मुश्किलें आसान हो जाती हैं। इस उपाय के लिए आपके 5 स्वस्थ और ताजे बेल पत्र की आवश्यकता है। आइए जानते हैं उपाय:

पहला बेल पत्र: जीवन से दरिद्रता दूर करने और घर में धन-धान्य की वृद्धि के लिए भगवान शंकर के मंदिर के प्रवेश द्वार के चौखट पर पहला बेल पत्र अर्पित करें।

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दूसरा बेल पत्र: यदि जीवन में संकटों से परेशान हैं, तो नंदी महाराज को मत भूलिए। उनकी की कृपा से सब संकट दूर हो जाएंगे। नंदी महाराज की विशेष कृपा पाने के लिए दूसरा बेल पत्र भगवान शंकर के नंदी के सिर पर रखें।

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तीसरा बेल पत्र: तीसरा बेलपत्र भगवान शंकर की जलधारी के पास समर्पित कीजिए। ऐसा करने से अपार धन की प्राप्ति होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

चौथा बेल पत्र: घर में सुख समृद्धि बनी रहे इसके लिए चौथा बेल पत्र भगवान शंकर के शिवलिंग के ऊपर जो कलश लगा रहता है और जिससे बूंद-बूंद जल भोलेनाथ पर पड़ता है, उसमें डाल दें। हर बूंद के साथ आपकी मनोकामना महादेव तक पहुंचेगी।

पांचवा बेल पत्र: अंतिम और पांचवां बेल पत्र पूरी निष्ठा, भक्ति और समर्पण से देवाधिदेव महादेव भगवान शंकर के शिवलिंग पर समर्पित करें। इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन चिंतामुक्त हो जाता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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