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Parivartini Ekadashi 2024: 13 या 14 सितंबर...कब है परिवर्तिनी एकादशी? जानें तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व

September 2024 Ekadashi: भादो महीने की प्रसिद्ध और सभी मनोकामनाओं का पूरा कर जीवन में व्यापक बदलाव लाने वाली परिवर्तिनी एकादशी को लेकर यदि आप भी कंफ्यूजन में हैं कि यह 13 को है या 14 सितंबर को, तो चलिए आपका यह कंफ्यूजन दूर कर देते हैं और जानते हैं कि यह एकादशी इतनी खास क्यों है और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
06:52 AM Sep 04, 2024 IST | Shyam Nandan
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September 2024 Ekadashi: भादो महीने में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi) कहते हैं। भगवान विष्णु को समर्पित साल की सभी 24 एकादशी में शामिल परिवर्तिनी एकादशी का व्रत बेहद खास और महत्वपूर्ण है। यह चातुर्मास की छठी एकादशी है, जो गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान पड़ती है। आइए जानते हैं कि परिवर्तिनी एकादशी कब है? इसका महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

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परिवर्तिनी एकादशी कब है?

सभी मनोकामनाओं का पूरा करके जीवन में व्यापक बदलाव लाने वाली परिवर्तिनी एकादशी (Parivartini Ekadashi) की तारीख को लेकर कंफ्यूजन है कि यह कब है, 13 या 14 सितंबर को? बता दें कि सनातन पंचांग के अनुसार, परिवर्तिनी एकादशी की शुरुआत शुक्रवार 13 सितंबर को रात 10:30 बजे से हो रही है। इसका समापन अगले दिन शनिवार 14 सितंबर को रात 08:41 बजे होगा। चूंकि इस तिथि का सूर्योदय 14 सितंबर को है तो ‘उदयातिथि नियम’ के आधार पर परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 14 सितंबर को रखा जाएगा।

इसलिए कहते हैं परिवर्तिनी एकादशी

परिवर्तिनी एकादशी भगवान विष्णु की पूजा करने का महत्वपूर्ण और विशेष दिन है। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत रखने के बाद जीवन में ऐसा सकारात्मक बदलाव आता है कि मनुष्य को कभी कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ती है। मान्यता है कि चातुर्मास के 4 महीनों के लिए सोए भगवान विष्णु परिवर्तिनी एकादशी के दिन अपनी करवट बदलते हैं। उनके सोते हुए करवट बदलने के कारण जीवन में उल्लेखनीय परिवर्तन आते हैं, इस कारण करवट बदलने के दिन को परिवर्तिनी एकादशी कहते हैं। इसका एक नाम ‘जयंती एकादशी’ भी है।

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परिवर्तिनी एकादशी का महत्व

परिवर्तिनी एकादशी की कथा के अनुसार, जब अर्जुन ने इस एकादशी के महत्व के बारे में भगवान श्रीकृष्ण से पूछा तो उन्होंने बताया, “हे पार्थ! इस एकादशी की कथा को सुनने मात्र से ही सभी पापों का दमन हो जाता है और मनुष्य स्वर्ग का अधिकारी बन जाता है। इस जयन्ती एकादशी की कथा को सुनने से नीच पापियों का भी उद्धार हो जाता है। यदि कोई धर्मपरायण मनुष्य एकादशी के दिन मेरा पूजन करता है तो मैं उसको संसार की पूजा का फल देता हूं। जो मनुष्य मेरी पूजा करता है, उसे मेरे लोक की प्राप्ति होती है। इसमें तनिक भी सन्देह नहीं करो। जो मनुष्य इस एकादशी के दिन भगवान श्रीवामन का पूजन करता है, वह तीनों देवताओं ब्रह्मा, विष्णु, महेश की पूजा करता है।”

भगवान श्रीकृष्ण ने कहा, “हे पार्थ! जो मनुष्य इस एकादशी का उपवास करते हैं, उन्हें इस संसार में कुछ भी करना शेष नहीं रहता है। इस दिन उपवास करने से मनुष्य सभी पापों से मुक्त होकर स्वर्ग लोक को जाता है। जो मनुष्य पापों को नष्ट करने वाली इस एकादशी व्रत की कथा सुनते हैं, उन्हें अश्वमेध यज्ञ के फल की प्राप्ति होती है।”

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परिवर्तिनी एकादशी 2024 पूजा मुहूर्त

परिवर्तिनी एकादशी के दिन यानी 14 सितंबर को सुबह 06:06 बजे से रात 08:32 बजे तक पूरे दिन रवि योग है और इसके बाद सर्वार्थ सिद्धि योग शुरू हो रहा है, जो रात 08:32 बजे से 15 सितंबर को सुबह 06:06 बजे तक है।

परिवर्तिनी एकादशी की पूजा इन शुभ योगों में कभी भी जा सकती है:

ब्रह्म मुहूर्त: 04:33 AM से 05:19 AM बजे तक

अभिजित मुहूर्त: 11:52 AM से 12:41 PM

विजय मुहूर्त: 02:20 PM से 03:09 पी एम

अमृत काल: 02:25 PM से 03:57 PM

गोधूलि मुहूर्त: 06:27 पी एम से 06:50 PM

संध्या मुहूर्त: 06:27 पी एम से 07:37 पी एम

यहां दिए गए इन सभी मुहूर्तों में परिवर्तिनी एकादशी व्रत का पूजन किया जा सकता है, लेकिन इस पूजा के लिए गोधूलि मुहूर्त और संध्या मुहूर्त सबसे बढ़िया माना जाता है।

परिवर्तिनी एकादशी पारण समय

पंचांग के अनुसार, जहां परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 14 सितंबर को रखा जाएगा, वहीं इस को व्रत तोड़ने का पारण समय 15 सितंबर को सुबह 6 बजकर 6 मिनट से 8 बजकर 34 मिनट तक है। इस समय के भीतर व्रत करने वाले साधक-साधिका यानी व्रती को अपना व्रत जरूर तोड़ लेना चाहिए।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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