होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

शनि दोष को दूर भगाएंगे ये 7 ज्योतिष उपाय, शनिदेव भी रोक नहीं सकेंगे आपकी तरक्की

Shani Dosh Upay:वैदिक ज्योतिष में कुंडली में शनि दोष होना अच्छा नहीं माना गया है। जीवन में शनि बाधा होने तरक्की रुक सकती है। आइए जानते हैं, ज्योतिष शास्त्र में बताए गए किन उपायों से शनि दोष को समाप्त कर सकते हैं?
02:35 PM Jul 07, 2024 IST | Shyam Nandan
Advertisement

Shani Dosh Upay: वैदिक ज्योतिष में शनि बेहद महत्वपूर्ण ग्रह माने गए हैं। शनिदेव की हर हलचल, गतिविधि और गोचर पर ज्योतिषाचार्यों की खास नजर रहती है। कुंडली में शनि दोष को जीवन की बहुत बड़ी बाधा बताया गया है। मान्यता है शनि चाहें तो रंक को भी राजा और धनवान को भिखारी बना सकते हैं। आइए जानते हैं, शनि ग्रह का जीवन में महत्व क्या है और ज्योतिष शास्त्र में बताए गए किन उपायों से शनि दोष को समाप्त कर सकते हैं?

Advertisement

जीवन में शनि ग्रह का महत्व

वैदिक ज्योतिष में शनिदेव को बेहद महत्वपूर्ण कार्य और स्पष्ट अधिकार दिया गया है। सेवा से जुड़े जितने भी कार्य हैं, वे सभी शनिदेव के अधीन हैं। किसी गलती से जो असंतोष, दुख या क्लेश होता हैं, वह शनि का रुप है। आयु, मृत्यु, कष्ट, वृद्धावस्था, प्राकृतिक आपदा, बीमारी, निर्धनता, विकलांगता, अपमान, नौकर-चाकर, नौकरी, चोरी, लोभ-लालच, लोहा, काली वस्तुएं, वैराग्य, लोकतंत्र, डर, गंदे कपड़े, मृत्यु का कारण आदि के कारक ग्रह शनि ही हैं। किसी व्यक्ति की कुंडली में मजबूत और शुभ शनि जहां धन, यश, पद-प्रतिष्ठा, आध्यात्मिकता और मोक्ष प्रदान करते हैं, वहीं कमजोर और अशुभ शनि कष्ट, बीमारी, अनहोनी, दरिद्रता और अन्याय का कारण बन सकते हैं। इसलिए जीवन में शनि ग्रह का अत्यधिक महत्व है।

शनि दोष दूर करने के उपाय

वैदिक ज्योतिष के मुताबिक जब कुंडली में शनि ग्रह कमजोर होते हैं, तब वे अपना श्रेष्ठ फल नहीं पाते हैं। इसे ज्योतिष शास्त्र में 'शनि बाधा' कहा गया है। शनि तब सबसे ज्यादा अशुभ होते हैं, जब वे नीच के होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब शनि मेष राशि में होते हैं, तब नीच के माने जाते हैं। शनिदेव का सरसों तेल, तिल, उड़द, लोहा और काले-नीले रंगों वाली वस्तुएं बेहद प्रिय है। इसलिए इन वस्तुओं को उन्हें अर्पित करने और दान देने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

शनि का रत्न नीलम

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जो जातक शनि बाधा से गंभीर रूप से पीड़ित हैं, उन्हें ऊपर बताए गए उपायों को करने के साथ शनि का रत्न भी धारण करना चाहिए। वैदिक ज्योतिष में नीलम को शनि का मुख्य रत्न बताया गया है। यह बेहद प्रभावशाली रत्न है, जिसे धारण करने से अवश्य लाभ होता है। कितने रत्ती का नीलम और इसे धारण करने की शास्त्रीय विधि जानने के लिए किसी योग्य और अनुभवी ज्योतिष या पंडित से परामर्श जरूर लेना चाहिए।

Advertisement

ये भी पढ़ें: आप भी घर पर दूध फाड़कर बनाते हैं पनीर? तो खुद बिगाड़ रहे हैं अपना भाग्य! जानिए कैसे

ये भी पढ़ें: Raksha Bandhan 2024: रक्षा बंधन पर बन रहा महासंयोग, जानें राखी बांधने का सही मुहूर्त और भद्रा काल

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Open in App
Advertisement
Tags :
Shani doshshani ke upayshanidev
Advertisement
Advertisement