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Shukra Niti: राक्षसों के गुरु से मनुष्यों को भी सीखनी चाहिए ये 5 बातें, किस्मत बदल जाएगी!

Shukra Niti: शुक्राचार्य असुरों, दैत्यों और राक्षसों के गुरु थे। उन्होंने अपनी नीति के बल पर कई बार राक्षसों को जीत दिलवाई थी। शुक्राचार्य ने अपनी नीति में मनुष्यों से जुड़ी भी कई ऐसी बातें बताई हैं जो आज भी प्रासंगिक हैं। आइए जानते हैं 5 ऐसी ही नीतियों के बारे में जो हम सभी को अपनानी चाहिए।
05:15 PM Oct 05, 2024 IST | Nishit Mishra
shukra niti  राक्षसों के गुरु से मनुष्यों को भी सीखनी चाहिए ये 5 बातें  किस्मत बदल जाएगी

Shukra Niti: शुक्रनीति में कहा गया है कि मनुष्य अपने भाग्य का निर्माण स्वयं करता है। जीवन में अगर मनुष्य कुछ बातों का ध्यान रखे तो वह कभी भी असफल नहीं हो सकता। इस लेख में हम 5 ऐसी ही बातों के बारे में जानेंगे जो मनुष्यों को सफलता के मार्ग पर ले जाता है।

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धर्म का सम्मान

शुक्राचार्य के मुताबिक मनुष्यों को अपने धर्म और धार्मिक ग्रंथों का कभी भी अपमान नहीं करना चाहिए। जो भी मनुष्य ऐसा करता है वह पाप का भागीदार होता है। जो मनुष्य हर दिन धर्म, कर्म और दान करता है, उसे जीवन में अपार सफलता मिलती है। इतना ही नहीं धर्म का सम्मान करने वाला मनुष्य परिवार के साथ-साथ समाज में भी सम्मानित दृष्टि से देखा जाता है। इसलिए हमेशा धर्म का सम्मान करना चाहिए।

अन्न का न करें अपमान

राक्षसों के गुरु लिखते हैं कि किसी भी मनुष्य को अन्न का अपमान नहीं करना चाहिए। अन्न को भगवान के समान देखना चाहिए। अन्न खाकर ही मनुष्य जीवित रहता है। अन्न से ही मनुष्य को सद्बुद्धि मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि जो जैसा अन्न खाता है उसका व्यवहार भी उसी तरह का होता है। मनुष्यों को चाहिए कि उसे जो भी खाना मिले उसे भगवान का प्रसाद समझकर खा लें। अकसर देखा जाता है कि पसंद का खाना न मिलने पर अन्न का अपमान किया जाता है। शुक्राचार्य कहते हैं कि जो मनुष्य अन्न का अपमान करता है उसे जीवन में कई संकटों का सामना करना पड़ता है। वहीं जो अन्न का सम्मान करता है वह हमेशा निरोग और सुखी रहता है।

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किसी पर विश्वास न करें

शुक्रनीति में कहा गया है कि  किसी पर भी आंख मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए। शुक्राचार्य कहते हैं जो मनुष्य ऐसा करता है वह कभी भी धोखा नहीं खा सकता। अगर कोई व्यक्ति आंख बंद कर दूसरे पर विश्वास करता है तो उसे आर्थिक और पारिवारिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए मनुष्यों को चाहिए कि वह अपने सगे-संबंधियों या प्रिय मित्रों पर भी आंख मूंदकर विश्वास न करें।

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किसे मित्र बनाएं?

शुक्राचार्य कहते हैं कि मनुष्य के जीवन में मित्र का अहम योगदान होता है। अगर मित्र अच्छा है तो वह आपके जीवन को सही रास्ते पर ले जाएगा। वहीं बुरी संगत वाला मित्र आपके जीवन को नरक के समान बना देगा। इसलिए मित्रता करने से पहले उसके गुण-अवगुण के बारे में अवश्य जान लें।

काम को कल पर न टालें

शुक्राचार्य कहते हैं कि मनुष्यों को कोई भी काम भविष्य के बारे में सोचकर करना चाहिए। काम शुरू करने से पहले अवश्य जान लेना चाहिए कि आने वाले समय में इसका क्या परिणाम होगा। साथ ही किसी भी काम को टालना नहीं चाहिए। जो मनुष्य काम को कल पर टालता है वह कभी भी सफल नहीं होता।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है

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